
- बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने मिशन मगध के तहत कमजोर इलाकों को मजबूत करने की रणनीति शुरू की है.
- प्रधानमंत्री मोदी ने गयाजी रैली में करीब 13 हजार करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन कर विकास का संदेश दिया है.
- बीजेपी ने मगध क्षेत्र में तीन नए नेताओं को शामिल कर अपनी पकड़ मजबूत करने और वोट बैंक बढ़ाने का प्रयास किया है.
Bihar BJP Strategy: बिहार चुनाव की रणभेरी बजने में अभी देर है, लेकिन तमाम पार्टियां अपना 'खेल' शुरू कर चुकी है. एनडीए को जहां प्रधानमंत्री की हालिया रैलियों से बल मिला है, वहीं विपक्ष को राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा से उम्मीद है. बीजेपी ने मिशन मगध के तहत अपने कमजोर इलाकों को मजबूत करना शुरू किया है. इसी के तहत पिछले दिनों गयाजी में पीएम मोदी ने रैली की और करीब 13 हजार करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इन योजनाओं के लाभ के दायरे में लाखों लोग आएंगे. बीजेपी ने ये संदेश देने की कोशिश की कि एनडीए के नेतृत्व में राज्य का उत्तरोत्तर विकास संभव है.
उसी मिशन मगध की अपनी रणनीति के तहत पार्टी ने तीन नए नेताओं को शामिल किया है, जबकि चौथे पर भी नजर बनाए हुए है, ताकि इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर सके. इनमें वो नाम भी शामिल हैं, जिनके चलते एनडीए उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था. आनंद मिश्रा, नागमणि, आशुतोष, पवन सिंह... ये कुछ ऐसे नाम हैं, जिनकी बदौलत बीजेपी मगध में अपना वोट बैंक मजबूत करना चाह रही है.
नए चेहरों से सधेंगे समीकरण?
आनंद मिश्रा: पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं जो असम में तैनात थे. हिमंत बिस्वा सरमा से नजदीकियां रहीं. वीआरएस लेकर बक्सर लौट आए. आम चुनाव में बक्सर से बीजेपी का टिकट मिलने की उम्मीद में थे. उम्मीद टूटी तो निर्दलीय मैदान में उतर गए. वोट काटा और बीजेपी की हार का कारण बने.

आनंद फिर जनसुराज से जुड़े, लेकिन यहां भी अपनी भूमिका को लेकर संतुष्ट नहीं दिखे. पिछले दिनों जनसुराज छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. उम्मीद है कि लोकसभा न सही, विधानसभा का ही टिकट मिले, लेकिन लड़ेंगे बक्सर से ही. बीजेपी को भी फायदा मिलने की उम्मीद है.
नागमणि: पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि कुशवाहा तीसरी बार बीजेपी में शामिल हुए. वे भी इससे पहले जनसुराज में थे. अब तक 14 बार अपनी पार्टी बदल चुके नागमणि, कुशवाहा समुदाय से आते हैं. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए का साथ छोड़ दिया था. कुशवाहा समाज से आने वाले उपेंद्र कुशवाहा, पहले ही एनडीए में हैं और अब बीजेपी नागमणि को फिर से शामिल कर कुशवाहा वोट बैंक मजबूत करना चाहती है.

आशुतोष: मगध में जाना-पहचाना नाम है. अच्छी पैठ है. भूमिहार समुदाय से हैं और अपनी जातिगत संस्था भी चलाते हैं. चूंकि मगध में भूमिहार समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है. इसलिए बीजेपी उनके जरिए इस वोट बैंक को अपनी ओर खींचना चाहती है.

पवन सिंह: भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह के भी जल्द ही बीजेपी में शामिल होने और विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें पश्चिम बंगाल के आसनसोल से टिकट दिया था, लेकिन विवादों के कारण उनका नाम वापस लेना पड़ा.
काराकाट सीट से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा की हार का कारण बने. हालांकि बाद में कुशवाहा को राज्यसभा भेजा गया. अब बीजेपी पवन सिंह को शामिल कर वोट बैंक बढ़ाना चाहती है.
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