
- रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज को बालक बताया और उनके चमत्कारों पर संदेह जताया था
- रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी आचार्य रामचन्द्र दास ने प्रेमानंद से ईर्ष्या की बात को पूरी तरह से खारिज किया
- आचार्य रामचन्द्र ने कहा कि भगवान का नाम जपने वाला हर व्यक्ति सम्मान का पात्र होता है, चाहे कोई भी हो
प्रेमानंद महाराज पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में हैं. पहले जहां वो लड़कियों को लेकर दिए अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में थे, वहीं अब रामभद्राचार्य के बयान के बाद उनका नाम लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. दरअसल रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज को बालक बताया था और कहा था कि प्रेमानंद को मैं चमत्कार नहीं मानता. वो एक बार संस्कृत बोलकर दिखा दें या फिर मेरे संस्कृत के श्लोकों का अर्थ समझा दें. इसके बाद संत समाज ने इस पर नाराजगी जताई थी. विवाद बढ़ता देख अब रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी ने इस पर सफाई दी है.
ईर्ष्या का सवाल ही नहीं उठता
रामभद्राचार्य के इंटरव्यू को लेकर उनके उत्तराधिकारी आचार्य रामचन्द्र दास ने सफाई देते हुए कहा कि प्रेमानंद जी से ईर्ष्या का प्रश्न ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि गुरुदेव ने साफ कहा है कि उन्हें प्रेमानंद जी से किसी भी प्रकार की ईर्ष्या नहीं है, बल्कि उन्होंने प्रेमानंद जी को 'नामजापक संत' बताते हुए कहा कि भगवान का नाम जपने वाला हर व्यक्ति सम्मान के योग्य होता है.
बालक कहने पर भी दी सफाई
उन्होंने कहा, रामभद्राचार्य जी ने कहा कि जो राम-कृष्ण का भजन करता है, चाहे वह किसी भी धर्म, वर्ण, लिंग या अवस्था का हो, वह आदर का पात्र है. हम सालबेग को अपना मानते हैं तो प्रेमानंद जैसे संत को पराया कैसे मान सकते हैं? उन्होंने प्रेमानंद जी को अपनी अवस्था और धार्मिक व्यवस्था दोनों दृष्टि से पुत्र समान बताया.
इस दौरान रामभद्राचार्य के शिष्य ने मीडिया पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि आजकल चैनल अपनी टीआरपी के लिए संतों की बातों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं. सफाई में ये भी कहा गया कि घर के बुजुर्ग यदि कटु वचन कह भी दें तो क्या हमें भी कटुता से जवाब देना चाहिए? इस पर हर किसी को सोचने की जरूरत है.
बयानों को लेकर चर्चा में रहे प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज अक्सर वीआईपी लोगों को लेकर चर्चा में रहते हैं, जब विराट कोहली जैसे सेलिब्रिटी उनसे मिलने पहुंचते हैं. हालांकि पिछले दिनों अपने बयानों को लेकर प्रेमानंद महाराज काफी चर्चा में रहे. प्रेमानंद महाराज ने कहा था, 100 में कोई दो चार कन्याएं ऐसी होंगे, जो अपना पवित्र जीवन रखकर किसी पुरुष को समर्पित होती होंगी. कैसे वो सच्ची बहू बनेंगीं, जो चार लड़कों से मिल चुकी है वो सच्ची बहू बनेगी? वो जो चार लड़कियों से मिल चुका है वो कैसे सच्चा पति बनेगा? ये लिवइन रिलेशनशिप गंदगी का खजाना है.
प्रेमानंद महाराज ने लड़कियों के पहनावे को लेकर भी बयान दिया था और कहा, बच्चे और बच्चियों के चरित्र पवित्र नहीं हैं. आज बच्चे-बच्चियां कैसे पोशाकें पहन रहे हैं. एक लड़के से ब्रेकअप, दूसरे से व्यवहार, फिर दूसरे से ब्रेकअप और तीसरे से व्यवहार... और व्यवहार व्यविचार में बदल रहा है.
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