विजय माल्या (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को भारत के अलग-अलग बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये लेकर फरार उद्योगपति विजय माल्या को विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम यानी फेरा के नियमों का उल्लंघन करने के एक मामले 'भगोड़ा' घोषित कर दिया है. मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेहरावत ने विजय माल्या को फेरा उल्लंघन मामले में समन जारी होने के बाद उपस्थित नहीं होने के मामले को ध्यान में रखते हुए यह आदेश पारित किया है. बता दें कि ईडी ने फेरा नियम के उल्लंघन के मामले में माल्या को भगोड़ा घोषित करने के लिए कार्रवाई शुरू करने का आवेदन दिया था.
यह भी पढ़ें - विजय माल्या के वकीलों ने कहा, भारतीय जेलें गंदी होती हैं और कैदी भी अधिक
अदालत ने कहा, "विजय माल्या 30 दिनों के भीतर अदालत में उपस्थित नहीं हो पाए और न ही उनकी ओर से कोई प्रतिनिधि कोर्ट में उपस्थित हो पाया. इसी के मद्देनजर उन्हें 'भगोड़ा अपराधी' घोषित किया गया है. बता दें कि मामला विदेश में अपनी कंपनी के शराब उत्पादों का विज्ञापन देने के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए एफईआरए नियमों के उल्लंघन का है.
कोर्ट ने पिछले साल 12 अप्रैल को शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ ओपन एंडेड गैर-जमानती वारंट जारी किया था. गैर-जमानती वारंट के विपरीत, 'एंडेड गैर-जमानती वारंट' के निष्पादन में समय सीमा नहीं होता है. वहीं, 4 नवंबर 2016 को विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि माल्या में देश के कानून के प्रति सम्मान की कमी है और उनका भारत लौटने का कोई इरादा नहीं है.
माल्या ने विदेशों में अपने किंगफिशर ब्रांड को प्रमोट करने के लिए लंदन की इस कंपनी से करार किया था. माल्या ने लंदन और अन्य यूरोपीय देशों में 1996, 1997 और 1998 में होने वाली फॉर्मूला वन वर्ल्ड रेसिंग चैम्पियनशिप में किंगफिशर बीयर का लोगो प्रदर्शित करने के लिए दो लाख अमेरिकी डॉलर की राशि हस्तांतरित की थी.
इसके अलावा दिल्ली की अदालत ने 2012 में चेक बाउंस को लेकर दायर डीआईएएल की एक याचिका पर भी माल्या के खिलाफ एक और गैर जमानती वारंट जारी किया है.
VIDEO : भगोड़े कारोबारी विजय माल्या फिर हुए गिरफ्तार
यह भी पढ़ें - विजय माल्या के वकीलों ने कहा, भारतीय जेलें गंदी होती हैं और कैदी भी अधिक
अदालत ने कहा, "विजय माल्या 30 दिनों के भीतर अदालत में उपस्थित नहीं हो पाए और न ही उनकी ओर से कोई प्रतिनिधि कोर्ट में उपस्थित हो पाया. इसी के मद्देनजर उन्हें 'भगोड़ा अपराधी' घोषित किया गया है. बता दें कि मामला विदेश में अपनी कंपनी के शराब उत्पादों का विज्ञापन देने के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए एफईआरए नियमों के उल्लंघन का है.
कोर्ट ने पिछले साल 12 अप्रैल को शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ ओपन एंडेड गैर-जमानती वारंट जारी किया था. गैर-जमानती वारंट के विपरीत, 'एंडेड गैर-जमानती वारंट' के निष्पादन में समय सीमा नहीं होता है. वहीं, 4 नवंबर 2016 को विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि माल्या में देश के कानून के प्रति सम्मान की कमी है और उनका भारत लौटने का कोई इरादा नहीं है.
माल्या ने विदेशों में अपने किंगफिशर ब्रांड को प्रमोट करने के लिए लंदन की इस कंपनी से करार किया था. माल्या ने लंदन और अन्य यूरोपीय देशों में 1996, 1997 और 1998 में होने वाली फॉर्मूला वन वर्ल्ड रेसिंग चैम्पियनशिप में किंगफिशर बीयर का लोगो प्रदर्शित करने के लिए दो लाख अमेरिकी डॉलर की राशि हस्तांतरित की थी.
इसके अलावा दिल्ली की अदालत ने 2012 में चेक बाउंस को लेकर दायर डीआईएएल की एक याचिका पर भी माल्या के खिलाफ एक और गैर जमानती वारंट जारी किया है.
VIDEO : भगोड़े कारोबारी विजय माल्या फिर हुए गिरफ्तार
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं