नौ हजार करोड़ लोन फ्रॉड के मामले में भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या( Vijay Mallya) का भी प्रत्यर्पण हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के संयुक्त निदेशक एस साईं मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में अहम सुनवाई में शामिल होने के लिए रविवार को लंदन रवाना हो गई है. भारतीय जांच एजेंसियां माल्या को प्रत्यर्पित करा स्वदेश वापस लाने की कोशिश कर रही हैं. मामले की सुनवाई सोमवार को लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत करेगी. आपको बता दें कि मनोहर विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की जगह सुनवाई में शामिल होंगे. इससे पहले अस्थाना सुनवाई में शामिल होते रहे हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो अधिकारी भी सीबीआई अधिकारी के साथ हैं'
10 बड़ी बातें
- कोर्ट में सुनवाई के दौरान अगर फैसला विजय माल्या के खिलाफ आता है तो उच्च अदालत में अपील के लिए जज अनुमति दे सकते हैं. वहीं अगर फैसला भारत सरकार के खिलाफ आता है तो सीबीआई और ईडी को 14 दिनों के अंदर उच्च अदालत में अपील करनी होगी.
- "मैं एक रुपये का कर्जदार नहीं हू, कर्जदार किंगफिशर एयरलाइंस है. बिजनेस में असफलता के कारण पैसा बकाया है." पिछले साल अप्रैल में विजय माल्या यह ट्वीट कर चुका है.
- विजय माल्या ने पिछले दिनों एक ट्वीट कर खुद को चोर कहे जाने पर आपत्ति जताई थी. कहा था कि वह सौ प्रतिशत मूल धनराशि चुकाने को तैयार है. हालांकि माल्या ने ब्याज वसूली से राहत देने की मांग की थी.
- विजय माल्या का बचाव करने वाली टीम कोर्ट में बता चुकी है कि 2016 में बैंकों को कुल बकाए का 80 प्रतिशत भुगतान का ऑफर दिया गया था.
- विजय माल्या की ओर से 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया था. जिसमें एक कमेटी गठित कर लोन फ्राड से जुड़े इस मामले की जांच की मांग की गई थी.
- 62 साल के विजय माल्या ने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ कोर्ट में कहा था कि भारतीय जेलों की दशा ठीक नहीं है. हवा और प्रकाश की सुविधा नहीं है.जिसके बाद भारतीय अफसरों ने आर्थर रोड जेल का वीडियो कोर्ट को उपलब्ध कराया था.
- एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की समकक्ष थेरेसा से इस बात पर नाखुशी जाहिर की थी कि उनके देश की अदालत भारतीय जेलों के बारे में किसी तरह की पूछताछ करे.
- इस साल सितंबर में विजय माल्या के एक बयान ने तब राजनीतिक गलियारों में तूफान खड़ा कर दिया था, जब कहा था कि देश छोड़ने से पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी. हालांकि जेटली ने लोन के सिलसिले में किसी मुलाकात से इन्कार किया था.
- पिछले महीने यूके की एक अदालत ने विजय माल्या को 88000 पाउंड स्विस बैंक को भुगतान करने को कहा था. यह भी लोन से जुड़ा मामला था.
- विजय माल्या ही नहीं अब तक नीरव मोदी, मेहुल चौकसी जैसे बिजनेसमैन भी देश छोड़कर भाग चुके हैं. विपक्ष हमेशा इसके लिए मोदी सरकार पर भगाने का आरोप लगाते हैं.