दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत से शुक्रवार को कानून एवं न्याय विभाग वापस ले लिया गया. कानून विभाग का प्रभार आतिशी को सौंपा गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इसके एक दिन पहले उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने शहर में न्यायिक बुनियादी ढांचे और प्रशासन से संबंधित फाइल मंगाई थीं,क्योंकि ये फाइल कई महीनों से गहलोत के पास लंबित थीं.
अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने उपराज्यपाल कार्यालय को पत्र लिखकर आतिशी को कानून विभाग का प्रभार सौंपने की सिफारिश की है और इसे सक्सेना की मंजूरी मिल गई है. आम आदमी पार्टी सरकार ने इस पर आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया नहीं दी है.
इस बदलाव के साथ आतिशी के पास मौजूद विभागों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है, जो केजरीवाल सरकार के मंत्रियों में सबसे ज्यादा है. इससे पहले अक्टूबर में उन्हें जल विभाग का प्रभार सौंपा गया था.
जून में, आतिशी को राजस्व, योजना और वित्त विभागों का प्रभार दिया गया था. ये विभाग पहले गहलोत के पास थे.
गहलोत के पास अब परिवहन, गृह, प्रशासनिक सुधार और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का प्रभार है.
उपराज्यपाल सक्सेना ने बृहस्पतिवार को शहर में अदालतों, न्यायिक बुनियादी ढांचे, त्वरित न्याय और न्याय प्रशासन प्रणाली से संबंधित उन सभी फाइल को वापस मंगाया था, जिन्हें कानून मंत्री ने निपटाने में कथित तौर पर देरी की.
राजनिवास के अधिकारियों ने बताया था कि उपराज्यपाल ने निर्देश दिया है कि दिल्ली के कानून मंत्री के पास छह महीने तक लंबित रही ऐसी सभी फाइल तीन दिनों के भीतर उन्हें सौंपी जाएं.
चार दिसंबर को प्रधान सचिव (विधि और न्याय) की एक रिपोर्ट में 18 ऐसी फाइल उपराज्यपाल सचिवालय के संज्ञान में लाई गईं, जो लंबित थीं.
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