Kanjhawala Case: कंझावला केस के 6 आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

Kanjhawala Case: आरोपियों ने माना है कि गाड़ी के नीचे अंजलि के फंसे होने की बात उन्हें पता थी. आरोपियों ने पुलिस से कहा कि हादसे के बाद उन्होंने कई बार कार का यू टर्न लिया, क्योंकि वे बहुत डर गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने ये भी माना है कि गाड़ी में तेज म्यूजिक चलने वाली कहानी झूठी थी.

Kanjhawala Case: कंझावला केस के 6 आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

अंजलि सिंह अपने परिवार में अकेले कमाने वाली थी.

नई दिल्ली:

दिल्ली के कंझावला (Delhi Woman Dragged Case) हिट एंड रन केस (Delhi Hit & Run Case) के सभी आरोपियों को सोमवार को रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया. रोहिणी कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने आरोपियों का कथित तौर पर बचाव करने वाले मामले के एक अन्य आरोपी अंकुश खन्ना को शनिवार को जमानत दे दी थी. 

पुलिस ने इस मामले में पहले दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था. बाद में, आशुतोष और अंकुश खन्ना  को गिरफ्तार किया गया था. इस बीच आरोपी आशुतोष ने आज जमानत याचिका लगाई है. उसकी जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी.

पुलिस ने कहा, 'हम साजिश की जांच कर रहे हैं. आशुतोष के खिलाफ भी जांच चल रही है. अब तक 20 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. आरोपियों की हियरिंग टेस्ट करवाई जाएगी, जिससे पता चल सके कि उनकी आवाज सुनने की क्षमता क्या है.'

दिल्ली पुलिस ने कहा कि अब उन्हें आरोपियों की रिमांड नहीं चाहिए. आरोपियों को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की है. पुलिस कहा कि इस केस में आशुतोष की भूमिका अलग है. वो उस शख्स का हैंडलर है, जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. पुलिस ने बताया, ' कंझावला केस का रूट बड़ा था. हमने रूट के 6 सीसीटीवी फुटेज लिए हैं. हमें पेट्रोल पंप का सीसीटीवी मिला है. हमने पूरी टाइम लाइन बना ली है. आरोपी दुर्घटना के बाद 2 मिनट आगे जाकर उतरे और उन्होंने देखा कि गाड़ी में कोई फंसा हुआ है. आरोपियों को आमने सामने बिठाकर पूछताछ की गई है.' पुलिस ने आगे कहा, 'एक और गवाह मिला है. हम फेस रिकॉगनाइजेशन के जरिए सीसीटीवी से चेहरे की पहचान कर रहे हैं.'

इससे पहले आरोपियों ने माना है कि गाड़ी के नीचे अंजलि के फंसे होने की बात उन्हें पता थी. आरोपियों ने पुलिस से कहा कि हादसे के बाद उन्होंने कई बार कार का यू टर्न लिया, क्योंकि वे बहुत डर गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने ये भी माना है कि गाड़ी में तेज म्यूजिक चलने वाली कहानी झूठी थी.

सोमवार को अंजलि का परिवार प्रोटेस्ट मार्च निकालते हुए सुल्तानपुरी थाने पहुंचा. परिवार की यही मांग है कि पुलिस धारा 302 जोड़े नहीं तो थाने पर प्रोटेस्ट चलता रहेगा. परिवार और रिश्तेदार बीच सड़क पर थाने के सामने बैठ गए हैं. प्रोटेस्ट के चलते सड़क बंद है और जाम लग गया है.

बता दें कि 31 दिसंबर की रात करीब 1.30 बजे कंझावला इलाके में अंजलि का एक्सीडेंट हुआ था. पुलिस के मुताबिक अंजलि स्कूटी से घर लौट रही थी. उसके साथ उसकी सहेली निधि भी थी. तभी कार सवार 5 युवकों ने टक्कर मार दी थी. हादसे के बाद युवक कार लेकर भाग निकले. अंजलि कार के नीचे फंसी रही. जबकि निधि मौके से भाग गई. अंजलि को 12 किमी तक घसीटा गया. पहले 4 किमी घसीटने की बात सामने आई थी.

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