कंझावला कांड मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि उन्हें पता था पीड़िता अंजलि उनकी कार के नीचे फंस गई है. वो डर के चलते गाड़ी सड़क पर दौड़ाते रहे. इस दौरान कंझावला तक के रूट में उन्होंने कई बार गाड़ी यू टर्न की. आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उन्हें डर था कि लड़की को गाड़ी से निकाला तो हत्या का केस लग जाएगा और वो बुरे फंस जाएगे....क्योंकि ड्राइवर अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. इसलिए एक्सीडेंट होने के बाद आरोपियों ने लड़की को कार के नीचे से निकालने की कोशिश नहीं की.
आरोपी बेहद डरे हुए थे और इसलिए वह गाड़ी को बार-बार घुमाया जा रहे थे. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह कहां जाएं... जब तक की लड़की उनकी गाड़ी के नीचे गिर नहीं जाती है. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने पहले पुलिस को तेज म्यूजिक सिस्टम की जो कहानी बताई थी वह झूठी थी.
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के कंझावला इलाके में कार सवार युवकों ने 20 साल की अंजलि को टक्कर मार दी थी. हादसे के बाद युवक कार लेकर भागने लगे. लड़की कार के नीचे फंसी रही और कई किलोमीटर तक सड़क पर घिसटती रही. पुलिस के मुताबिक, उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घसीटे जाने के कारण उसके पैर भी शरीर से अलग हो गए थे. पुलिस ने इस मामले के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि सातवें आरोपी अंकुश खन्ना को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने जमानत दे दी. उसे 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली है. इस मामले में पुलिस ने इससे पहले छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था. अंकुश खन्ना ने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया. अंकुश कार चला रहे मुख्य आरोपी अमित खन्ना का भाई है.
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