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कार से बच्चों को निकाला फिर अस्पताल में भर्ती हो गई? कोर्ट में BMW वाली महिला इन 3 सवालों पर घिरी

Delhi BMW accident case: इस हादसे में वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में उप सचिव नवजोत सिंह (52 साल) की मौत हो गई थी. मामले में आरोपी गगनप्रीत की जमानत याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हुई.

कार से बच्चों को निकाला फिर अस्पताल में भर्ती हो गई? कोर्ट में BMW वाली महिला इन 3 सवालों पर घिरी
  • दिल्ली के धौला कुआं इलाके में BMW की टक्कर में वित्त विभाग के उप सचिव नवजोत सिंह की मौत हुई थी
  • गगनप्रीत की जमानत पर सुनवाई में वकील पर पुलिस के देर से FIR दर्ज करने पर सवाल उठाए
  • पुलिस ने गगनप्रीत पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें दूर के अस्पताल ले जाने और पांच घंटे तक कॉल न करने की बात कही
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दिल्ली के धौला कुआं इलाके में 14 सितंबर को हुई BMW की टक्कर मामले (Delhi BMW Accident) में गिरफ्तार गगनप्रीत की जमानत कर बुधवार, 17 सितंबर को कोर्ट में सुनवाई हुई. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में उप सचिव नवजोत सिंह (52 साल) की इस हादसे में मौत हो गई थी. अब कोर्ट में गगनप्रीत के वकील ने सवाल उठाया कि पुलिस ने इस मामले में 10 घंटे बाद FIR क्यों दर्ज की थी. वहीं पुलिस ने गगनप्रीत पर तीन गंभीर सवाल उठाएं जिसमें यह भी पूछा गया कि उन्होंने 5 घंटे तक पुलिस को क्यों नहीं कॉल किया.

कोर्ट में गगनप्रीत के वकील ने क्या कहा?

गगनप्रीत के वकील रमेश गुप्ता का कहना है कि कोर्ट द्वारा जमानत दी जा सकती है. उन्होंने सवाल उठाया कि इस मामले में IPC की धारा 304 (BNS की धारा 105) कैसे लागू की गई? जांच अधिकारी अच्छी तरह से जानते हैं कि क्या उपधारा ए या बी को लागू करने की आवश्यकता है. उन्होंने धारा 304 (B) पर जोर दिया और कहा कि यह अदालत को मुझे (गगनप्रीत को) जमानत देने की शक्ति देता है.

कोर्ट में गगनप्रीत की तरफ से कहा गया कि पुलिस इतनी धाराएं इसलिए लगाई हैं क्योंकि हम मृतक को दूर हॉस्पिटल ले गए. “DCP का कहना है कि BMW कार पहले फुटपाथ से टकराई और फिर उसकी टक्कर नवजोत सिंह की बाइक से हुई. नवजोत सिंह की बाइक टक्कर के बाद DTC की बस से टकराई. फिर पुलिस ने DTC बस को जब्त क्यों नहीं किया है?”

गगनप्रीत के वकील ने कोर्ट से कहा कि पुलिस बहुत प्रेशर में है इसलिए यह कुछ भी कर सकती है. उन्होंने DCP को गवाह बनाए जाने की मांग की. साथ ही सवाल किया कि जो दो लोग मौके पर मिले, उन्हें गवाह क्यों नहीं बनाया गया. गगनप्रीत की तरफ से कोर्ट में एक और एप्लीकेशन दायर करके घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित करने की मांग की गई है. कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी किया और सुनवाई कल यानी 18 सितंबर को होगी.

कोर्ट में पुलिस ने उठाए सवाल

कोर्ट में पुलिस ने कहा कि मृतक नवजोत सिंह की पत्नी हॉस्पिटल में भर्ती थी इसलिए जब वह होश में आई तब हमने बयान दर्ज किया. पुलिस ने दावा किया कि एक्सीडेंट में गगनप्रीत इतनी भी घायल नहीं थी. नवजोत की पत्नी बार बार बोल रही थी कि नजदीक हॉस्पिटल ले कर जाए लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

पुलिस ने सवाल उठाया कि आरोपी गगनप्रीत को पता था कि जब इतनी गहरी चोट लगी है तो फिर इतनी दूर हॉस्पिटल क्यों लेकर गई. इसका क्या कारण है, इसका पता चलना चाहिए. साथ ही एक और सवाल किया कि गगनप्रीत अपने बच्चों को कार से निकालते हुए दिख रही थीं, वो बाद में हॉस्पिटल में ICU में कैसे भर्ती हो जाती गईं. उन्होंने 5 घंटे तक पुलिस को कॉल क्यों नहीं किया.

क्या है मामला?

जिस समय धौला कुआं इलाके में BMW ने बाइक को टक्कर मारी थी, कथित तौर पर उस वक्त गगनप्रीत कार को चला रही थी. यह मामला इसलिए भी बड़ा है कि दुर्घटना में केंद्रीय वित्त विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मौत हुई थी, जबकि उनकी पत्नी का अभी भी अस्पताल में इलाज जारी है.

दिल्ली पुलिस की जांच में कार चालक गगनप्रीत को लेकर कई तरह के तथ्य सामने आए हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि टक्कर के बाद घायल नवजोत सिंह और उनकी पत्नी को एक्सीडेंट स्पॉट से करीब 19 किलोमीटर दूर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि कई अस्पताल कुछ ही दूरी पर थे. रविवार शाम को नवजोत सिंह बंगला साहिब गुरुद्वारा से अपनी बाइक पर घर लौट रहे थे, जब यह दुर्घटना हुई थी.

पुलिस सूत्रों ने यह भी दावा किया कि नवजोत सिंह को जिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वह कथित तौर पर बीएमडब्ल्यू चालक गगनप्रीत के किसी जानकार का था. इस कारण दिल्ली पुलिस ने गगनप्रीत के खिलाफ सबूतों को नष्ट और छुपाने की धारा एफआईआर में जोड़ी है.

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