प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले सप्ताह अमेरिका की महत्वपूर्ण यात्रा पर जाएंगे जिसमें दोनों पक्षों के बीच रक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी सहित कई अहम क्षेत्रों में सहयोग के ठोस परिणाम सामने आने की उम्मीद है. यात्रा की तैयारी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच औद्योगिक सहयोग प्रगाढ़ करने के लिए नियामक ढांचे को सरल बनाने के रास्तों पर भी चर्चा होगी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की वाशिंगटन की राजकीय यात्रा का एक महत्वपूर्ण आयाम भारत और अमेरिका के बीच मजबूत प्रौद्योगिकी गठजोड़ बनाने और आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाना है.
सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों में अपने संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने के लिए यात्रा का उपयोग करने के लिए 'गहन और व्यापक रुचि' है.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 से 25 जून तक अमेरिका और मिस्र की राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं. इस दौरान वह दोनों देशों के साथ पहले से ही मजबूत संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा करेंगे.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा न्यूयॉर्क से शुरू होगी, जहां वे 21 जून को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह की अगुवाई करेंगे. ज्ञात हो कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2014 में एक प्रस्ताव पारित करके 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था.
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘‘इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी वाशिंगटन डीसी जाएंगे, जहां 22 जून को व्हाइट हाउस में उनका पारंपरिक स्वागत किया जाएगा और वह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ अपनी उच्च स्तरीय वार्ता के क्रम को जारी रखते हुए उनसे मुलाकात करेंगे.'' समझा जाता है कि दोनों नेता रूस यूक्रेन संघर्ष, हिन्द प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख सहित साझा हितों से जुड़े अन्य क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.
राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन 22 जून की शाम प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे.
मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैकार्थी और सीनेट के स्पीकर चार्ल्स शूमर समेत कई सांसदों के निमंत्रण पर 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे. मोदी ने इससे पहले 2016 में अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इसके एक दिन बाद यानी 23 जून को अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, मोदी के सम्मान में आयोजित दोपहर के भोज की मेजबानी करेंगे. मंत्रालय ने कहा, ‘‘आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेने के अलावा प्रधानमंत्री कई प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ), पेशेवरों और अन्य हितधारकों के साथ भी बातचीत करेंगे. वह भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे.''
प्रधानमंत्री मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में 24 से 25 जून तक मिस्र की राजकीय यात्रा पर काहिरा जाएंगे. मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर यह यात्रा कर रहे हैं. अल-सीसी ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की थी और उसी समय उन्होंने प्रधानमंत्री को मिस्र यात्रा के लिए आमंत्रित किया था. यह प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की मिस्र की पहली यात्रा होगी.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सीसी के साथ बातचीत के अलावा सरकार के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों, मिस्र की कुछ प्रमुख हस्तियों और मिस्र में भारतीय समुदाय के साथ भी संभवत: बातचीत करेंगे.'' इसमें कहा गया है, ‘‘भारत और मिस्र के संबंध प्राचीन व्यापारिक और आर्थिक संबंधों के साथ-साथ सांस्कृतिक और लोगों के बीच गहरे आपसी संबंधों पर आधारित हैं.''
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने जनवरी में भारत की यात्रा की थी और इस दौरान दोनों देशों के बीच अपने संबंधों को ‘सामरिक साझेदारी' के स्तर तक पहुंचाने पर सहमति बनी थी. भारत अरब जगत और अफ्रीका में राजनीतिक रूप से अहम भूमिका निभाने वाले मिस्र के साथ संबंधों को विस्तार देने का इच्छुक है. इस देश को अफ्रीका और यूरोप के बाजार के एक बड़े प्रवेश द्वार के तौर पर भी देखा जाता है.
मोदी और सीसी के बीच वार्ता के दौरान द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा करीब सात अरब डॉलर से आगामी पांच साल में 12 अरब डॉलर तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया था. भारत और मिस्र के बीच रक्षा और सामरिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में प्रगाढ़ हुए हैं. दोनों देशों की सेनाओं ने इस साल जनवरी में पहला संयुक्त अभ्यास किया था.
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