
- अमेरिकी राष्ट्रपति की टैरिफ नीति ने भारत और पश्चिमी देशों के दशकों के रणनीतिक प्रयासों को प्रभावित किया है.
- पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने ट्रंप की टैरिफ नीति को अमेरिका के हितों के खिलाफ बताया है.
- बोल्टन ने कहा कि इस नीति ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पूर्वी भूराजनीतिक परिदृश्य बदलने का अवसर दिया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बम फोड़कर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है. यह बात खुद अमेरिका में हो रही है. तमाम एक्सपर्ट्स से लेकर पुराने नए नेता यह बात बोल रहे हैं. अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति की तीखी आलोचना की है और कहा है कि इसने भारत को सोवियत संघ (रूस) के साथ शीत युद्ध के संबंधों से दूर करने और चीन से बढ़ते खतरे को संबोधित करने के दशकों के पश्चिमी देशों के प्रयासों को "नष्ट" कर दिया है.
The West has spent decades trying to ween India away from its Cold War attachment to Soviet Union Russia, and cautioning India on the threat posed by China. Donald Trump has shredded decades of efforts with his disastrous tariff policy.https://t.co/A2skT581Fi
— John Bolton (@AmbJohnBolton) September 1, 2025
बोल्टन ने अपने एक पोस्ट में कहा, "पश्चिम ने भारत को सोवियत संघ/रूस के प्रति उसके शीत युद्ध के लगाव से दूर करने और चीन द्वारा उत्पन्न खतरे के बारे में भारत को आगाह करने में दशकों बिताए हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी विनाशकारी टैरिफ नीति के साथ दशकों के प्रयासों को नष्ट कर दिया है."
एक अन्य पोस्ट में लिखा गया, "बड़े रणनीतिक संदर्भ में राजनयिक कदमों पर विचार करने में डोनाल्ड ट्रंप की अनिच्छा ने शी जिनपिंग को पूर्व को रीसेट करने का मौका दिया है."
जॉन बोल्टन एक पूर्व अमेरिकी सरकारी अधिकारी हैं, जिन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पहले कार्यकाल में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (2018-19) के रूप में कार्य किया था. बाद में उन्होंने उस समय विदेश नीति पर ट्रंप के साथ मतभेदों पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
बोल्टन की टिप्पणी तब आई है जब अमेरिका के टैरिफ बम के बीच चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन हुआ है, जिसके दौरान प्रधान मंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी की है.
अमेरिका ने भारतीय आयात पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है जिसकी वजह से नई दिल्ली और वाशिंगट ने बीच तनाव बढ़ गया है. इनमें में 25 प्रतिशत टैरिफ भारत पर इसलिए लगाया गया है क्योंकि वह रूसी कच्चे तेल की खरीद करता है.
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