सुप्रीम कोर्ट ने एतिहासिक पहल करते हुए सभी लंबित मामलों के डेटा को नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड पर अपलोड करने का फैसला लिया है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट अब तक NJDG के दायरे से बाहर था. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने इसकी शुरुआत की है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि यह पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए है. 80,000 मामले लंबित हैं.15,000 अभी तक पंजीकृत नहीं हैं इसलिए वे अभी तक लंबित नहीं हैं.हमारे पास अब ग्राफ हैं.जुलाई में 5000 से अधिक मामलों को निपटाया गया था.हमारे पास मामले के प्रकार और लंबितता के अनुसार वितरण है.
CJI ने कहा कि 3 न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष 583 मामले लंबित हैं और मैं जल्द ही उन पीठों का गठन करूंगा. हमारे पास सिविल और आपराधिक दोनों तरह के मामलों से डेटा हैं.साल 2000 से पहले लगभग 100 से भी कम मामले हैं. इसलिए यह सभी सबसे पुराने मामलों को निपटाने के लिए एक डेटाबेस देता है. 3 जज 538 मामले हैं.मैं विशेष पीठ गठित करने की तैयारी कर रहा हूं.
इससे लोगों को क्या होगा फायदा?
NJDG पोर्टल पर मामले दाखिल होने और निपटारे पर हर माह और वर्षवार डेटा होगा. सीजेआई ने कहा कि हम उच्च न्यायालयों और जिला अदालतों के लिए जो कर रहे हैं, वही सुप्रीम कोर्ट के लिए भी किया जाना चाहिए.
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