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चक्रवात मोंथा का आंध्र के तट पर लैंडफॉल शुरू, कहीं बारिश तो कहीं 100 KM रफ्तार की हवाएं, लेटेस्ट अपडेट

आंध्र प्रदेश के तट से भीषण चक्रवाती तूफान मोंथा के (एससीएस) टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह अगले तीन से चार घंटों तक जारी रहेगी. आईएमडी ने मंगलवार शाम 7:23 बजे सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के अपने आधिकारिक हैंडल पर किये एक पोस्ट में कहा कि तूफान की नवीनतम स्थिति से संकेत मिलता है कि इसके तट से टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

चक्रवात मोंथा का आंध्र के तट पर लैंडफॉल शुरू, कहीं बारिश तो कहीं 100 KM रफ्तार की हवाएं, लेटेस्ट अपडेट

  1. चक्रवात मोंथा लैंडफॉल शुरू: आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके से चक्रवात ‘मोंथा' टकरा चुका है. लैंडफॉल की ये प्रक्रिया अगले तीन-चार घंटे तक जारी रहेगी.मोंथा के असर से तेज हवाओं और बारिश का दौर जारी है. चक्रवात मछलीपट्टनम और कालींगपट्टनम के बीच काकीनाडा के पास तट को पार करेगा. इस दौरान हवा की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच चुकी है, जो झोंकों में 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है.
  2. मोंथा की वजह से मौसम का अलर्ट: मौसम विभाग ने राज्य के 19 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है. वहीं, पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक में भी मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई गई है. चक्रवात के मद्देनज़र भारतीय रेलवे ने वॉल्टेयर डिवीजन के अंतर्गत कई यात्री ट्रेनों को रद्द, डायवर्ट और पुनर्निर्धारित किया है.
  3. क्या है मोंथा: मोंथा एक शक्तिशाली चक्रवात है. थाई भाषा में 'मोंथा' का अर्थ सुगंधित फूल होता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मौसम प्रणाली पिछले एक घंटे में 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ी और 1:30 बजे उसी क्षेत्र में केंद्रित हो गई. पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर से गुजर रहा भीषण चक्रवाती तूफान 'मोंथा' पिछले एक घंटे में 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा.
  4. बह रही है तेज हवाएं: बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम से चक्रवात समुद्र में लगभग 270 किलोमीटर दूर स्थित था तथा हवा की गति 110 किमी. प्रति घंटे तक थी. आईएमडी के अनुसार, 'मोंथा' के उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ते रहने और शाम और रात के दौरान एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आसपास आंध्र प्रदेश के तट को पार करने का अनुमान है. अधिकतम 90-100 किमी. प्रति घंटे की गति से हवा चलने की उम्मीद है, जो बढ़कर 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.
  5. रेल सेवाएं प्रभावित: बंगाल की खाड़ी में तेजी से मजबूत हो रहा चक्रवात 'मोंथा' पूर्वी तट को अपनी चपेट में लेने को तैयार है. इस खतरे के मद्देनजर पूर्व तट रेलवे ने ट्रेन सेवाओं के स्वरूप में बड़े परिवर्तन किए हैं, जिससे हजारों यात्रियों की योजनाएं प्रभावित हुई हैं. आईएमडी के अनुसार, यह चक्रवात गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल चुका है और मंगलवार रात तक आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा के पास तट से टकरा सकता है. हवाओं की गति 90-100 किमी प्रति घंटा पहुंच चुकी है, जो 110 किमी तक के झोंकों के साथ तबाही मचा सकती है.
  6. रेल मंत्री ने दिए ये निर्देश: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चक्रवात मोंथा के लिए रेलवे की तैयारियों की समीक्षा की. रेल मंत्री ने प्रमुख कार्य बिंदुओं पर चर्चा की, जैसे कि मंडल स्तरीय ‘वॉर रूम' को सक्रिय करना, आवश्यक सामग्री, मशीनरी और मानव शक्ति तैयार रखना, विशेष रूप से विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और गुंटूर मंडलों में, साथ ही यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए ट्रेन परिचालन की निगरानी करना
  7. चक्रवात मोंथा का क्या असर: आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से होता हुआ तूफान आगे बढ़ेगा. इसके असर से दक्षिण बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, पुरुलिया, पूर्व और पश्चिम बर्धमान, बीरभूम और मुर्शिदाबाद जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है. उप-हिमालयी जिलों दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और कूचबिहार में एक या दो स्थानों पर शुक्रवार को बहुत भारी वर्षा (7 से 20 सेमी) होने का अनुमान है. 
  8. चक्रवात की फसलों पर मार: भीषण चक्रवाती तूफान 'मोंथा' के प्रभाव से आंध्र प्रदेश में 38,000 हेक्टेयर में खड़ी फसलें और 1.38 लाख हेक्टेयर में बागवानी फसलें नष्ट हो गईं. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में प्रारंभिक अनुमानों का हवाला देते हुए कहा गया है, "चक्रवात के प्रभाव के कारण, राज्य भर में भारी बारिश ने 38,000 हेक्टेयर में खड़ी फसलें और 1.38 लाख हेक्टेयर में बागवानी फसलें नष्ट कर दीं."
  9. मोंथा का 22 जिलों में असर: का चक्रवात के 22 जिलों के 403 मंडलों पर प्रभाव पड़ने की आशंका है, जिसके चलते राज्य सरकार ने मंडल स्तर पर 488 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. लगभग 76,000 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है और विभिन्न स्थानों पर 219 चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए हैं. निर्बाध आपातकालीन संचार सुनिश्चित करने के लिए, 81 वायरलेस टावर और 21 बड़े लैंप लगाए गए हैं. 
  10. चक्रवात की क्या तैयारियां: सरकार ने उखड़े हुए पेड़ों को हटाने के लिए 1,447 अर्थमूवर, 321 ड्रोन और 1,040 चेनसॉ भी तैयार रखे हैं. तैयारी के उपायों के तहत, राज्य भर के निवासियों को 3.6 करोड़ अलर्ट संदेश भेजे गए हैं. सरकार ने 865 टन पशु चारे की भी व्यवस्था की है, ऐसा आगे बताया गया है. सुबह 8.30 बजे से शाम 4 बजे के बीच, नेल्लोर जिले के उलवापाडु में 12.6 सेमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद कावली (12.2 सेमी), दगदर्थी (12 सेमी), सिंगरायकोंडा (10.5 सेमी), बी कोदुर (6 सेमी), और विशाखापत्तनम और तुनी (प्रत्येक में 2 सेमी) बारिश दर्ज की गई.

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