नए साल के जश्न पर यहां पटाखें चलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ अब नए साल के जश्न के दौरान भी पटाखे नहीं चलाए जा सकेंगे. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में 5 जनवरी को सुनवाई करेगा. यह आदेश एनसीआर एरिया में लागू नहीं होगा.
दिल्ली में इस दिवाली में पटाखों से 40 प्रतिशत कम प्रदूषण हुआ : अध्ययन
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने नए साल में पटाखों पर रोक जारी रखते हुए निर्देश दिए थे कि शादी, पार्टी व अन्य कार्यक्रमों में पटाखों पर रोक संबंधी आदेश को सख्ती से लागू किया जाए. यह आदेश हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ प्रशासन के प्रदूषण बोर्ड सहित सभी जिलों के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को दिए गए हैं. कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि अगर अदालत के आदेश सख्ती से लागू नहीं होते हैं तो कोर्ट अवमानना आदेश जारी कर सकती है. मामले में अगली सुनवाई हाईकोर्ट में 11 जनवरी को होगी.
हाईकोर्ट ने दीवाली तथा गुरुपर्व के मौके पर आतिशबाजी के लिए केवल तीन घंटे का टाइम निश्चित किया था. अब हाईकोर्ट ने संज्ञान का दायरा बढ़ाते हुए पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से हुए प्रदूषण को भी इसमें शामिल किया हुआ है. हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण, स्वास्थ्य और कृषि मंत्रालय सहित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलावा पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब तलब किया हुआ है. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर प्रदूषण के मौजूदा हालातों और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी भी मांगी है.
दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध जारी रखने के लिए दी गई याचिका
देशभर में पटाखों की बिक्री और पटाखे चलाने पर रोक की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और पटाखा निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. कोर्ट ने पराली जलाने के मामले में पंजाब और हरियाणा सरकार को भी नोटिस जारी किया था.
VIDEO:दिल्ली के साकेत कोर्ट में पटाखों से धमाके के बाद अफरातफरी
दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पूरे देश में पटाखों की बिक्री और पटाखे चलाने पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. अर्जुन गोपाल सहित 3 बच्चों ने ये याचिका दाखिल की है.
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पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने नए साल में पटाखों पर रोक जारी रखते हुए निर्देश दिए थे कि शादी, पार्टी व अन्य कार्यक्रमों में पटाखों पर रोक संबंधी आदेश को सख्ती से लागू किया जाए. यह आदेश हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ प्रशासन के प्रदूषण बोर्ड सहित सभी जिलों के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को दिए गए हैं. कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि अगर अदालत के आदेश सख्ती से लागू नहीं होते हैं तो कोर्ट अवमानना आदेश जारी कर सकती है. मामले में अगली सुनवाई हाईकोर्ट में 11 जनवरी को होगी.
हाईकोर्ट ने दीवाली तथा गुरुपर्व के मौके पर आतिशबाजी के लिए केवल तीन घंटे का टाइम निश्चित किया था. अब हाईकोर्ट ने संज्ञान का दायरा बढ़ाते हुए पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से हुए प्रदूषण को भी इसमें शामिल किया हुआ है. हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण, स्वास्थ्य और कृषि मंत्रालय सहित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलावा पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब तलब किया हुआ है. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर प्रदूषण के मौजूदा हालातों और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी भी मांगी है.
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देशभर में पटाखों की बिक्री और पटाखे चलाने पर रोक की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और पटाखा निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. कोर्ट ने पराली जलाने के मामले में पंजाब और हरियाणा सरकार को भी नोटिस जारी किया था.
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दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पूरे देश में पटाखों की बिक्री और पटाखे चलाने पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. अर्जुन गोपाल सहित 3 बच्चों ने ये याचिका दाखिल की है.
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