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वसीम रिजवी से हिंदू बने जितेंद्र का ऐलान, इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म आएं इतना पैसा दूंगा कि...

जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर ने कहा है कि सनातन धर्म में आने से पहले लोगों को अपनी कट्टरपंथी और जिहादी विचारधारा छोड़नी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि उनका संगठन ऐसे लोगों की तब तक आर्थिक मदद करेगा, जब तक कि वो पूरी तरह से सनातन धर्म में सैटल नहीं हो जाते हैं.

वसीम रिजवी से हिंदू बने जितेंद्र का ऐलान, इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म आएं इतना पैसा दूंगा कि...
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने 2021 में इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया था. उन्होंने अपना नाम जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर रख लिया था. उन्होंने मंगलवार को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई. इसके बाद उन्होंने कहा कि महाकुंभ में स्नान करने के बाद उन्हें बहुत खुशी महसूस हो रही है. इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि अपनी खुशी से इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाने वालों का स्वागत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वो एक ऐसा संगठन बना रहे हैं, जो इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म में आने वाले लोगों को हर महीने आर्थिक मदद देगा. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की छोटा-मोटा कारोबार शुरू करने के लिए भी मदद दी जाएगी. 

संगम में डुबकी लगाकर क्या कहा

संगम में डुबकी लगाने के बाद वसीम रिजवी से जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा,'' आज प्रयागराज के महाकुंभ में मैंने स्नान किया, मुझे बहुत खुशी महसूस हुई. मैं इस पवित्र भूमि से पूरे देश के मुसलमानों से अनुरोध करता हूं कि वो सनातन धर्म में घर वापसी पर विचार करें. मैं अपने मित्रों के सहयोग से एक संगठन बना रहा हूं, उसके जरिए सनातन धर्म में वापसी करने वाले मुसलमान परिवारों को हर महीने तीन हजार रुपये की मदद तब तक दी जाएगी,जब तक कि वो पूरी तरह से सनातन धर्म में सैटल नहीं हो जाते हैं.'' 

उन्होंने कहा कि इस्लाम छोड़कर जो लोग सनातन में आएंगे और अपना कारोबार शुरू करना चाहेंगे, उन्हें छोटे-मोटे कारोबार से जोड़ा जाएगा.उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको अपनी कट्टरपंथी और जेहादी मानसिकता से वापस निकलना पड़ेगा और अपनी खुशी से सनातन धर्म में घर वापसी करनी पड़ेगी.सनातन धर्म आपका स्वागत करता है. 

पहले सनातनी बने, फिर जाति भी बदल ली

वसीम रिजवी ने 2021 में इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया था.इसके बाद उन्होंने अपना नाम वसीम रिजवी से बदलकर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रख लिया था. जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने उन्हें सनातन धर्म ग्रहण कराया था.सनातन धर्म अपनाने के बाद उन्होंने गाजियाबाद के पास स्थित डासना मंदिर में कहा था,''जब मुझे इस्लाम से निकाल ही दिया गया है, तो ये मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं. मैंने सनातन धर्म चुना,क्योंकि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसके अंदर जितनी अच्छाइयां हैं, उतनी दुनिया के किसी भी धर्म में नहीं हैं.''

सनातन धर्म अपनाने के बाद  जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने खुद को त्यागी ब्राह्मण किया था.लेकिन वो यहीं नहीं रुके थे. उन्होंने पिछले साल अक्तूबर में अपनी जाति भी बदल ली थी.वो त्यागी ब्राह्मण से राजपूत हो गए थे. उन्होंने अपना नाम जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर रख लिया था. 

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