केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डॉक्टर आंबेडकर पर सदन में दिए बयान के खिलाफ कांग्रेस पार्टी देश भर में 'जय बापू-जय भीम-जय संविधान' अभियान चलाएगी. शनिवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के मीडिया और प्रचार विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने बताया कि इस अभियान के तहत हर जिले में चौपाल लगाई जाएगी. उन्होंने इस देशव्यापी अभियान का पैम्फलेट भी जारी किया.
पवन खेड़ा ने कहा कि संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने बाबा साहेब आंबेडकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. यह उम्मीद थी कि गृह मंत्री माफी मांगेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे. लेकिन प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री का साथ दिया और आंबेडकर के अपमान में साझेदार बने. बीते माह कर्नाटक के बेलगावी में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में यह मुद्दा उठा था और तय किया गया था कि पूरे देश में 'जय बापू-जय भीम-जय संविधान' अभियान की शुरुआत की जाएगी.
खेड़ा ने कहा इस अभियान के तहत आयोजित चौपालों में बताया जाएगा कि भाजपा-आरएसएस दशकों से आंबेडकर का अपमान और संविधान को नीचा दिखाने का काम करते आए हैं. इसका खामियाजा नागरिकों को झेलना पड़ रहा है. देश के 90 प्रतिशत लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है. लेटरल एंट्री और निजीकरण के माध्यम से आरक्षित वर्ग को चोट पहुंचाई जा रही है.
उन्होंने कहा कि दस लाख से अधिक रिक्त पद हैं, वह भी आरक्षित वर्ग पर सीधा-सीधा हमला है. ऐसे अनेक हमले भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे हैं. इन चौपालों में इस पैम्फलेट का वितरण होगा और तथ्यात्मक तरीके से ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ देशवासियों को यह बताया जाएगा कि कैसे भाजपा-आरएसएस 90 प्रतिशत आबादी के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं.
खेड़ा ने बताया कि 26 जनवरी को बाबासाहेब आंबेडकर की जन्मस्थली मध्य प्रदेश के महू में विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा. खेड़ा ने दोहराया कि गृह मंत्री शाह ने संसद में जो कहा, वह आरएसएस और उसकी राजनीतिक शाखा भाजपा की गहरी मानसिकता में है. आरएसएस ने 30 नवंबर, 1949 को अपने मुखपत्र ऑर्गनाइजर में संविधान को अभारतीय बताया था. जब आंबेडकर महिलाओं के समान अधिकार की बात करते थे, तो रामलीला मैदान में आरएसएस ने उनका पुतला जलाया था. आज न सिर्फ बाबा साहेब आंबेडकर बल्कि गांधी की विरासत पर भी हमला बोला जा रहा है.
खेड़ा ने आगे कहा भाजपा संवैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं की विरोधी है. पिछले दस सालों में भाजपा सरकार ने लगातार संविधान पर हमला किया है. भाजपा देश में दलितों और आदिवासियों के साथ न केवल सरेआम अन्याय करती है, बल्कि उनके कानूनों को भी कमजोर करती है. भाजपा को भरोसा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में 400 पार सीट लाकर संविधान बदल देगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
अगर ऐसा होता तो वह न सिर्फ संविधान बदलती, बल्कि नोटों से महात्मा गांधी का चित्र भी गायब हो जाता. जिन महात्मा गांधी जी को पूरी दुनिया आदर्श मानती है, उन्हें उनके देश का सत्तारूढ़ दल ही धीरे-धीरे हटाने की साजिश रच रहा है. बाबा साहेब आंबेडकर और महात्मा गांधी की राह पर चलने वाली कांग्रेस पार्टी उनके अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी. इसलिए हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम राष्ट्रव्यापी अभियान छेड़कर उनकी विरासत से न केवल नई पीढ़ी को स्मरण कराएं, बल्कि उसे संजोने के लिए अहिंसक तरीके से लड़ें. देश संविधान के आधार पर ही चलेगा. भाजपा मुंह में संविधान और बगल में मनुस्मृति लेकर नहीं घूम सकती है.
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