विज्ञापन
This Article is From Oct 05, 2022

संसदीय समितियों में बड़ा फेरबदल, कांग्रेस ने गृह और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की संसदीय समितियों की अध्यक्षता गंवाई 

इसके साथ ही छह प्रमुख संसदीय समितियों - गृह, आईटी, रक्षा, विदेश, वित्त और स्वास्थ्य की अध्यक्षता अब भाजपा और उसके सहयोगियों के पास है. 

संसदीय समितियों में बड़ा फेरबदल, कांग्रेस ने गृह और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की संसदीय समितियों की अध्यक्षता गंवाई 
छह प्रमुख संसदीय समितियों की अध्यक्षता अब भाजपा और उसके सहयोगियों के पास है. (प्रतीकात्मक)
नई दिल्ली:

करीब तीन दशकों में पहली बार मंगलवार को घोषित फेरबदल में विपक्षी दलों को चार प्रमुख संसदीय समितियों (Parliamentary Committees) में से किसी की भी अध्यक्षता नहीं दी गई है. सूचना प्रौद्योगिकी की संसदीय समिति की अध्यक्षता करने वाले कांग्रेस (Congress) सांसद शशि थरूर की जगह शिवसेना के शिंदे गुट के एक सांसद ने ले ली है. इसके साथ ही गृह मामलों की समिति की अध्यक्षता भी अब कांग्रेस के पास नहीं रही है. हालांकि कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी समिति के अध्यक्ष के रूप में रखा गया है. 

इसके साथ ही छह प्रमुख संसदीय समितियों - गृह, आईटी, रक्षा, विदेश, वित्त और स्वास्थ्य की अध्यक्षता अब भाजपा और उसके सहयोगियों के पास है. 

कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की जगह भाजपा सांसद और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी बृज लाल को गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. 

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे शशि थरूर की जगह शिंदे धड़े के शिवसेना सांसद प्रतापराव जाधव को नियुक्त किया गया है. 

लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पिछले महीने लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखा था, जिसमें चौधरी ने कहा था कि वह संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी से यह जानकर ‘निराश‘ हैं कि ‘आईटी पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष की भूमिका के आवंटन को वापस लेने का निर्णय लिया गया है.‘  

सूत्रों के अनुसार, मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सदन के नेता पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा था, जिसमें कांग्रेस से गृह मामलों पर संसदीय समिति की अध्यक्षता ‘हथियाने‘ के सरकार के कदम का विरोध किया गया था. 

2019 के आम चुनाव के बाद विपक्षी दल ने विदेश मामलों और वित्त पर सदन के पैनल की अध्यक्षता खो दी थी. 

इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के पास खाद्य और उपभोक्ता मामलों के संसदीय पैनल की अध्यक्षता थी. फेरबदल के बाद पार्टी को इनमें से किसी संसदीय समिति की अध्यक्षता नहीं दी गई है. 

राज्यसभा में टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एक बयान में कहा, ‘टीएमसी संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है, साथ ही दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को एक भी अध्यक्ष नहीं मिलता है. सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी स्थायी समितियों के दो महत्वपूर्ण अध्यक्षों को खो देती है. यह नए भारत की कठोर वास्तविकता है.‘ 

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में बदल दिया गया है. खाद्य पर समिति की अध्यक्षता भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी और स्वास्थ्य पर समिति की अध्यक्षता उन्हीं की पार्टी के सहयोगी विवेक ठाकुर करेंगे. 

साथ ही, डीएमके को उद्योग पर संसदीय समिति की अध्यक्षता दी गई है, जो अब तक टीआरएस के पास थी. 

24 संसदीय स्थायी समितियां हैं, जिनमें से 16 का नेतृत्व लोकसभा सदस्य और आठ का नेतृत्व राज्यसभा सदस्य करते हैं. इनका गठन हर साल किया जाता है. 

ये भी पढ़ेंः

* बीजेपी ने गुजरात और UP में गन्ना किसानों के बकाया जारी नहीं किये : आम आदमी पार्टी
* कूड़े का रावण जलाकर AAP ने 3500 स्थानों पर BJP शासित नगरनिगम के खिलाफ किया प्रतीकात्मक प्रदर्शन
* "बीजेपी वाले हर त्यौहार खराब करते हैं"; बिजली सब्सिडी की जांच के आदेश पर बोले AAP नेता

एक गोत्र में शादी का विरोध, बीजेपी नेता संगीत सोम ने कहा- बहन को बहू नहीं बना सकते 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com