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This Article is From Jun 02, 2022

"एक व्‍यक्ति, एक पद" पर कांग्रेस के डेटा प्रमुख के ट्वीट ने पार्टी को किया शर्मसार..

नाना पटोले ने जोर देकर कहा था कि वे उदयपुर के चिंतन शिविर में अपनाई गई 'एक व्‍यक्ति, एक पद' के नीति महाराष्‍ट्र में लागू करेंगे और एक से अधिक पद संभालने वाले पदाधिकारी अपने अतिरिक्‍त पद छोड़ देंगे.

"एक व्‍यक्ति, एक पद" पर कांग्रेस के डेटा प्रमुख के ट्वीट ने पार्टी को किया शर्मसार..
प्रतीकात्‍मक फोटो

'एक व्‍यक्ति, एक पद' के नियम को लेकर कांग्रेस में 'बयानों का दौर' चल रहा है. पार्टी के एक नेता के खिलाफ, कांग्रेस के ही एक नेता के ट्वीट ने इस नियम की उन 'कमियों' को उजागर किया है जिसके बारे में आलोचकों का कहना है कि शीर्ष नेताओं के लिए यह नियम अपवाद है. कांग्रेस के डेटा हेड प्रवीण चक्रवर्ती ने इस मामले में  गुरुवार सुबह एक ट्वीट करके महाराष्‍ट्र में पार्टी के प्रमुख नाना पटोले का निशाना साधा है. दरअसल, बुधवार को नाना पटोले  ने जोर देकर कहा था कि वे उदयपुर के चिंतन शिविर में अपनाई गई 'एक व्‍यक्ति, एक पद' के नीति  महाराष्‍ट्र में लागू करेंगे और एक से अधिक पद संभालने वाले पदाधिकारी अपने अतिरिक्‍त पद छोड़ देंगे. 

अखबार की रिपोर्ट को रेखांकित करते हुए प्रवीण चक्रवर्ती ने शीर्षक में ''वर्कर (कार्यकर्ता)'' शब्‍द पर खास जोर दिया है. उन्‍होंने लिखा, "कोई कार्यकर्ता एक से अधिक पद पद पर नहीं रहेगा यह बात केवल वर्कर्स (कार्यकर्ताओं ) पर लागू होती है!." एनडीटीवी से बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि वह केवल इस बात की ओर इशारा कर रहे थे कि नियम "सबके लिए हैं केवल कार्यकर्ताओं के लिए नहीं." उन्‍होंने कहा कि इसका राज्‍यसभा के लिए नामित किए जाने से कोई लेना-देना नहीं है. गौरतलब है कि राहुल गांधी की कोर टीम के अहम सदस्‍य प्रवीण चक्रवर्ती को राज्‍यसभा सीट के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन उनका नाम कांग्रेस की सूची से गायब है. वे पार्टी की डिजिटल सदस्‍यता की अगुवाई कर रहे हैं. कांग्रेस में इस तरह के 'धमाके' अब आम बात बनते जा रहे हैं. राज्‍यसभा चुनाव के लिए प्रत्‍याशियों के चयन को लेकर पार्टी में बड़े स्‍तर पर असंतोष के सुर उभरे हैं. कांग्रेस की ओर से राज्‍यसभा के लिए रविवार को घोषित किए गए 10 नामों में कुछ बड़े नाम और राज्‍यों के नामित नेता नदारद हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा जो चर्चा में होने के बावजूद राजस्‍थान की सूची में जगह बनाने में नाकाम नहे हैं. उन्‍होंने सोशल मीडिया के जरिये अपनी निराशा को उजागर करने में देर नहीं लगाई. खेड़ा ने अपने पोस्‍ट में लिखा, "शायद मेरी तपस्‍या में कुछ कभी थी." महाराष्‍ट्र (जहां राज्‍यसभा की छह सीटें हैं) में कांग्रेस नेता नगमा ए मोरारजी ने 18 साल के इंतजार के बाद भी 'मौका' न मिलने को लेकर अपना दर्द ट्वीट के जरिये बयां किया था. कांग्रेस छठवीं सीट से यूपी के नेता इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्‍ट्र से राज्‍यसभा भेज रही हैं. नगमा ने अपने ट्वीट में लिखा, "हमारी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने 2003-04 में व्‍यक्तिगत रूप से वादा किया था कि मुझे राज्‍यभा में मौका मिलेगा. इमरान को महाराष्‍ट्र से राज्‍यसभा में भेजा जा रहा है. क्‍या मैं कम योग्‍य हूं? " दो दिन पहले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी प्रत्‍याशियों के चयन को लेकर तंज कसा था. उन्‍होंने कहा था कि राज्‍यसभा 'पार्किंग स्‍थल (parking lot) 'बन गई है. 

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