
कांग्रेस ने सोमवार शाम असम में पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव किया. कांग्रेस ने लोकसभा में उपनेता विपक्ष गौरव गोगोई को असम कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया है. उनके अलावा तीन कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं. असम में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है, इसे देखते हुए कांग्रेस ने चुनाव अभियान समिति, समन्वय समिति, चुनाव घोषणा पत्र समिति और प्रचार समिति के प्रमुखों के नाम की भी घोषणा की है. गौरव गोगोई को प्रदेश कांग्रेस की कमान देकर कांग्रेस ने राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को कड़ा संदेश दिया है. सरमा पिछले काफी समय से गोगोई पर निजी हमले कर रहे हैं. उन्होंने इस राजनीति में गोगोई की ब्रितानी मूल की पत्नी तक को भी घसीट लिया है. कांग्रेस ने जिस तरह से गोगोई पर दांव लगाया है, उससे लगता है कि असम विधानसभा का अगला चुनाव सरमा बनाम गोगोई का होगा.
सरमा बनाम गोगोई की लड़ाई
राज्य में अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है. इससे पहले राज्य का राजनीतिक माहौल काफी गर्म है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और जोरहाट से सांसद गौरव गोगोई के बीच शब्द बाण चलाए जा रहे हैं. ये दोनों नेता एक दूसरे की पत्नियों पर लगातार हमले कर रहे हैं. सरमा गोगोई की ब्रितानी मूल की पत्नी का रिश्ता पाकिस्तान से जोड़कर हमले कर रहे हैं, वहीं गोगोई सरमा की पत्नी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं.
Hon'ble Congress President Shri @kharge has appointed the President and Working Presidents of the Assam Pradesh Congress Committee as follows, with immediate effect.
— Congress (@INCIndia) May 26, 2025
President-
Shri Gaurav Gogoi
Working Presidents-
1. Shri Jakir Hussain Sikdar
2. Smt Roselina Tirkey
3. Shri… pic.twitter.com/oRCV97hJRH
कांग्रेस पिछले 10 साल से असम की सत्ता से बाहर है. उसे दो बार से बीजेपी के हाथों बुरी हार का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन कांग्रेस अब इस स्थिति को तोड़ना चाहती है. इसके लिए उसने युवा चेहरे गौरव गोगोई पर दांव लगाया है. पिछले दो चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ है. लेकिन एक खास बात यह हुई है कि गौरव गोगोई अपनी सीट बदलने के बाद भी जोरहाट से चुनाव जीतने में सफल रहे. वह भी तक जब सरमा ने उनके खिलाफ आक्रामक प्रचार अभियान चलाया था.इसके बाद भी गोगोई ने बीजेपी के सीटिंग एमपी तपन कुमार गोगोई को करीब डेढ़ लाख वोटों के भारी अंतर से हराया था.गोगोई इससे पहले कलियाबोर सीट से दो बार चुनाव जीत चुके थे. लेकिन परिसीमन के बाद उनकी सीट दो हिस्सों में बंट गई थी.
लोकसभा चुनाव में मिली जीत से बढ़ा कद
जोरहाट लोकसभा सीट को गोगोई के लिए कमजोर सीट माना जा रहा था.लेकिन वहां उनको मिली जीत से कांग्रेस नेतृत्व में उनकी क्षमता को लेकर भरोसा बढ़ा. इसी का परिणाम है कि कांग्रेस ने प्रदेश की कमान उनके हाथ में सौंपी है. असम का अगला चुनाव में मुकाबला सरमा बनाम गोगोई के बीच ही होने का अनुमान है.इसकी बानगी अभी से असम की राजनीतिक फिजा में देखी जा सकती है. गोगोई और सरमा एक दूसरे की पत्नियों को लगातार निशाने पर रखे हुए हैं. सरमा जहां गोगोई की ब्रितानी पत्नी एलिजाबेथ पर पाकिस्तान से मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं. वहीं गोगोई सरमा की पत्नी रिंकी भुइयां सरमा पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगा रहे हैं. दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं.
असम में हाल में हुए पंचायत चुनाव में मिली हार के बाद से कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं में थोड़ी निराशा है. ऐसे में गोगोई के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री सरमा की ओर से पेश की गई चुनौतियों से निपटने और पार्टी के कार्यकर्ताओं की निराशा दूर कर उनमें उत्साह और जोश भरने की है.
कांग्रेस के समीकरण
इसके अलावा जाकिर हुसैन सिकदर, रोजलीना तिर्की और प्रदीप सरकार को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए तिर्की को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है.
इससे पहले असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान भूपेन कुमार बोरा संभाल रहे थे. उन्हें विधानसभा चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाया गया है.उनके अलावा देबब्रत सैकिया को समन्वय समिति,प्रद्युत बोरदोलोई को घोषणा पत्र समिति, सांसद रकीबुल हसन को प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया है.
इन नियुक्तियों में भी कांग्रेस ने कई तरह के समीकरणों का ध्यान रखा है. जाकिर जहां बंगाली मुसलमान हैं. असम में मुसलमान आबादी करीब 30 फीसदी की है.वहीं रोजलीना तिर्की एसटी है और चाय बगान में काम करते हुए यहां तक पहुंची हैं. प्रदीप सरकार बंगाली हिंदू हैं. इस तरह से कांग्रेस ने हिंदू, मुस्लिम, आदिवासी और बंगाली हर तरह के समीकरणों को साधने की कोशिश की है.राज्य की सियासत में ये समीकरण काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. ये समीकरण कांग्रेस को सत्ता दिला पाएंगे या नहीं, इसका फैसला आने वाले दिनों में होगा.
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