मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक घटना है और घोषणा की कि राज्य में हिंदू देवता से जुड़े स्थानों को लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में हुए भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के साथ ही 'राम राज्य' के आगमन की शुरुआत हो गयी है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ओरछा में किया पूजा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ओरछा में राम राजा मंदिर से डिजिटल तरीके से प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखा. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ पहुंचे यादव ने निवाड़ी जिले में ओरछा के मंदिर में पूजा-अर्चना की. ओरछा को ‘छोटी अयोध्या' के रूप में भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान राम दिन में ओरछा में रहते हैं और रात होने पर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में विश्राम करते हैं.
ओरछा को राजा राम के साम्राज्य के रूप में जाना जाता है
ओरछा को राजा राम के साम्राज्य के रूप में जाना जाता है और ऐसा माना जाता है कि यह देश का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां राम को सिर्फ भगवान के तौर पर नहीं, बल्कि एक प्रिय राजा के रूप में भी पूजा जाता है. मंदिर के सूत्रों के अनुसार, भगवान राम के सम्मान में स्थानीय पुलिस द्वारा प्रतिदिन तीन बार 'सलामी गारद' दिया जाता है. विभिन्न जिलों के अलग-अलग इलाकों में 'प्रभात फेरियां' निकाली गईं, जिसमें रंग-बिरंगे वस्त्र पहने और भगवा झंडे पकड़े पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने ढोल की थाप के बीच भगवान राम की स्तुति में भक्ति गीत गाए.
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने के तुरंत बाद भक्तों ने पूरे राज्य में पटाखे फोड़े. राज्य भर के मंदिरों में उत्सव जैसा माहौल था और चारों ओर अगरबत्तियों की सुगंध फैली हुई थी. राज्य के विभिन्न शहरों में सुबह से ही लोग मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के लिए उमड़ पड़े और 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए एक-दूसरे को बधाई दी.
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