दिल्ली में बुधवार को हुई तेज बारिश (Delhi Rain) से सबकुछ अस्त-व्यस्त हो गया है. IMD ने दिल्ली की भयावह बारिश को बादल फटने जैसा ही बताया है. इस बीच कई अन्य राज्य भी बारिश की मार झेल रहे हैं. बारिश के साथ ही इन जगहों पर बादल फटने (Cloudburst) की घटनाएं भी हुई हैं. हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बीच तीन जगहों पर बादल फटने से 3 लोगों की मौत हो गई और 60 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. मंडी और मणिकरण साहिब और रामपुर में बादल फटा है. उत्तराखंड के हालात भी कुछ कम भयावह नहीं हैं. टिहरी और केदारनाथ के भीमबली में भी बादल फटने से अफरा तफरी मची हुई है.
हिमाचल की 3 जगहों पर फटा बादल
हिमाचल के कुल्लू के मणिकरण साहिब, मंडी और शिमला में बादल फटने से तबाही का मंजर है. मंडी और कुल्लू की घटना में करीब 3 लोगों की मौत हो गई वहीं 40 लोग लापता हुए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. कई घर और स्कूल, अस्पताल भी इस घटना में क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मंडी में 35 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. इस घटना के बाद मंडी के पधर के सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान आज बंद कर दिए गए हैं.
ताश के पत्तों की तरह गिरी इमारत
— NDTV India (@ndtvindia) August 1, 2024
कुल्लू : मणिकरण भुंतर मार्ग पर बनी सब्जी मंडी की इमारत ढही#Kullu | #HimachalPradesh pic.twitter.com/KQLN2y1bUJ
शिमला के रामपुर के झाकड़ी में बादल फटने के बाद समेज खड्ड में बाढ़ आ गई, जिसमें 22 लोग लापता बताए जा रहे हैं, इसमें एक पावर प्रोजेक्ट के लोग भी शामिल है. जानकारी के मुताबिक, झाकड़ी के समेज खड्ड स्थित हाइड्रो प्रोजेक्ट के पास गुरुवार तड़के बादल फटा. बादल फटने की वजह से कई जगह सड़कें बंद पड़ी हैं. इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी हो रही है. करीब दो किलोमीटर पैदल चलकर ही घटनास्थल तक राहत-बचाव के सामान को पहुंचाया जा रहा है.
मंडी के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के धम्चयाण पंचायत के राजवन गांव में बादल फटा है. बुधवार सुबह से ही मंडी में मूसलाधार बारिश हो रही थी. भारी बारिश की वजह से बुधवार देर रात अचानक बादल फट गया और बाढ़ आ गई, इसकी चपेट में आने से कई घर बह गए। जिसमें एक की मौत हो गई और कई लोग लापता हो गए.
उत्तराखंड की 2 जगहों पर फटा बादल
उत्तराखंड में भी बारिश कहर बपरा रही है. टिहरी जिले के घनसाली में बादल फटने से 2 लोगों की मौत हो गई और एक के घायल होने की खबर है. घनसाली विधानसभा क्षेत्र के जखन्याली में नौताड़ गदेरे में बादल फटने से गदेरे के पास खुले होटल के बह गया और मुयालगांव में घनसाली-चिरबिटिया मोटर मार्ग को जोड़ने वाली पुलिया बहने की भी खबर है.
केदारनाथ पैदल मार्ग में भीम बली के गदेरे में भी बादल फटा है. जिसकी वजह से रास्ते में भारी मलबा और बोल्डर गिरे गए.। पैदल मार्ग का करीब 30 मीटर हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. जानकारी के मुताबिक, करीब 150-200 यात्री वहां फंसे हुए हैं.
कब और कैसे फटता है बादल?
बादल फटने की घटनाएं अक्सर तेज गरज के साथ बारिश के दौरान होती हैं. जब नमी वाले बादल बड़ी मात्रा में एक जगह पर इकट्ठा हो जाते हैं और पानी की बूंदें एक साथ मिल जाती हैं. बूंदों का भार ज्यादा होने की वजह से बादल की डेंसिटी बढ़ती है और तेज बारिश अचानक होने लगती है. ऐसा तब होता है जब गर्म हवा की धाराएं बारिश की बूंदों संग मिलकर सामान्य बहाव को बाधित करती हैं, जिससे पानी जमा हो जाता है और बादल फट जाता है. कुछ ही सेकेंड में 2 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश हो जाती है. आमतौर पर पहाड़ों पर 15 किमी की ऊंचाई पर बादल फटते हैं.
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