महुआ मोइत्रा घूसकांड मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगातार हमलावर दिख रही है. अब इस मामले में BJP नेता शहजाद पूनावाला ने महुआ मोइत्रा पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट किया है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि चोरी और फिर सीना जोरी = महुआ मोइत्रा. बता दें कि पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी जांच कर रही है.
Chori & then seena zori = Mahua Moitra
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) October 29, 2023
Instead of going to Ethics Committee, instead of resigning until probe is over now Mahua Moitra has all the time in the world to give TV interviews & prejudice the proceedings !
Anyway she now admits on tv, that she did gave her…
कमेटी ने इस मामले में महुआ मोइत्रा को दो नवंबर को पेश होने के लिए कहा है. इस मामले में कमेटी ने महुआ मोइत्रा से पहले BJP सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई का भी बयान दर्ज किया है.
बता दें कि शहजाद पूनावाला से पहले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी महुआ मोइत्रा पर हमला बोला था. उन्होंने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट भी लिखा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि सूचना के अनुसार दर्शन हीरानंदानी व दुबई दीदी (सांसद) संपर्क में हैं. गवाह को प्रभावित करने की कोशिश चल रही है. लोकसभा अध्यक्ष को इसपर कार्रवाई करनी चाहिए.
सूचना के अनुसार दर्शन हीरानंदानी व दुबई दीदी( सांसद) सम्पर्क में हैं । गवाह को प्रभावित करने की कोशिश चल रही है @loksabhaspeaker को कारवाई करनी चाहिए
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) October 28, 2023
पहले भी किया है ट्वीट
निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को भी सोशल मीडिया X पर लिखा था कि आरोपी सांसद पर दुबई का इतना नशा है कि मेरा भी नाम एथिक्स कमेटी के चेयरमैन को लिखे पत्र में दुबई कर दिया है. मोहतरमा ने मेरा दुबे नाम बदलकर अपने मानसिक स्थिति का वर्णन कर दिया है. हाय रे क़िस्मत? बता दें कि महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी को लिखी चिट्ठी में निशिकांत दुबे का नाम दुबई लिख दिया है. इसे लेकर निशिकांत दुबे ने चुटकी ली है. निशिकांत दुबे झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद हैं. जबकि महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से टीएमसी सांसद हैं.
मोइत्रा की नीयत पर उठाए सवाल
निशिकांत दुबे ने एक और पोस्ट में महुआ मोइत्रा की नीयत पर सवाल उठाए हैं? उन्होंने लिखा, "जब संसद का ईमेल आईडी या मेंबर पोर्टल किसी सांसद को मिलता है, तो हम NIC के साथ एक करार करते हैं. इसका पहला ही बिंदु यह है कि इस मेल आईडी पासवर्ड को गोपनीय रखा जाएगा. किसी के साथ साझा नहीं किया जाएगा. मैंने तो सोच समझकर इस करार पर हस्ताक्षर किया. डिग्री वाली ने पढ़ा कि नहीं या चंद पैसों के लिए देश की सुरक्षा बेच दी?"
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