- भारत में बेहतर परिवार नियोजन और घटती प्रजनन दर के कारण बच्चों की जनसंख्या में महत्वपूर्ण गिरावट का अनुमान है
- 2011 में बच्चों का कुल जनसंख्या में हिस्सा लगभग 40.9 प्रतिशत था, जो 2026 तक घटकर 32 प्रतिशत रह जाएगा
- सभी बाल आयु समूहों में बच्चों के हिस्से में गिरावट देखी गई है, साथ ही 2022 और 2023 में जन्म दर भी कम हुई है
देश में बेहतर परिवार नियोजन और घटती प्रजनन दर की वजह से देश में बच्चों की जनसंख्या (0-19 वर्ष) में महत्वपूर्ण गिरावट के संकेत हैं. भारत सरकार की सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने "Children in India 2025" नाम की रिपोर्ट में कहा कि भारत की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार 2011 से 2026 के बीच बच्चों की जनसंख्या (0-19 वर्ष) के अनुपात में महत्वपूर्ण गिरावट का अनुमान है.
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने इस रिपोर्ट में कहा है कि 2011 में देश की कुल जनसंख्या में बच्चों (0-19 वर्ष) की संख्या लगभग 40.9% थी, जिसके 2026 तक घटकर 32% रह जाने का अनुमान है. मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा है कि यह भारत की जनसंख्या में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का संकेत है, जो संभवतः घटती प्रजनन दर (fertility rate) और बेहतर परिवार नियोजन (family planning) के कारण है.
"Children in India 2025" नाम की रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी बाल आयु समूहों (child age groups) जैसे 0-4, 5-9, 10-14, और 15-19 आयु समूहों में कुल जनसंख्या में उनके हिस्से में गिरावट देखी गई है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 2022 और 2023 में जन्म दर के आकंड़ों में गिरावट देखी गयी है. राष्ट्रीय स्तर पर, कुल जन्म दर प्रति 1,000 जनसंख्या पर 18.4 रही. ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 20.3 प्रतिशत थी, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह दर 14.9 थी.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय 2008 से "चिल्ड्रन इन इंडिया" नाम की ad-hoc रिपोर्ट रिलीज कर रहा है. "चिल्ड्रन इन इंडिया 2025" भारत में बच्चों की स्थिति पर जारी चौथा प्रकाशन है. मंत्रालय के मुताबिक, "यह प्रकाशन देश में बच्चों की भलाई का एक व्यापक और विस्तृत विश्लेषण प्रदान करता है. शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, बाल संरक्षण आदि जैसे विभिन्न आयामों की जांच करके यह प्रकाशन बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने और उनके अधिकारों और कल्याण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से साक्ष्य-आधारित नीतियों और हस्तक्षेपों को सूचित करने के लिए बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और आंकड़े प्रदान करता है".
“'चिल्ड्रन इन इंडिया 2025” रिपोर्ट में कहा गया है कि शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate) में कमी का रुझान देखा गया है, जो 2011 में 44 थी और 2023 में घटकर 25 हो गई है. ड्रॉपआउट दर (Dropout Rate) 2022-23 में 13.8 से घटकर 2024-25 में 8.2 हो गई है. 18 वर्ष की आयु से पहले विवाह करने वाली 20-24 वर्ष की महिलाओं का प्रतिशत 2015-16 में 26.8 से घटकर 2019-21 में 23.3 हो गया है. जबकि गोद लिए गए बच्चों की कुल संख्या 2017-18 में 3927 से बढ़कर 2024-25 में 4515 हो गई है.
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