- कैबिनेट ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए 8वें वेतन आयोग के नियम-शर्तों को मंजूरी दे दी है
- कहा जा रहा है कि नए वेतन आयोग में डीए समेत कई भत्तों को खत्म या फिर मर्ज किया जा सकता है
- इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.86 तक होने की संभावना है जिससे सैलरी 13% से 34% तक बढ़ सकती है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने इंतजार की घड़ियां खत्म करते हुए मंगलवार को 8वें वेतन आयोग के नियम व शर्तों (ToR) को मंजूरी दे दी. इससे करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनरों की सैलरी और पेंशन बढ़ने का रास्ता एक तरह से साफ हो गया है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि सैलरी कितनी बढ़ने वाली है.
सैलरी बढ़ेगी, भत्ते कम होंगे!
8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा होने की उम्मीद है. हर लेवल के कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी. हालांकि ये बढ़ोतरी कितनी होगी, ये कई फैक्टर्स पर निर्भर करेगा. संभावना है कि पिछले पे कमीशन की तरह इस बार भी कई अलाउंसेस (भत्तों) को या तो खत्म किया जा सकता है या फिर दूसरों में मर्ज किया जा सकता है. इसका मकसद पे स्ट्रक्चर को आसान बनाना होता है. माना जा रहा है कि इस बार ट्रैवल अलाउंस, स्पेशल ड्यूटी अलाउंस और स्मॉल रीजनल अलाउंस जैसे कई भत्ते प्रभावित हो सकते हैं.
200 भत्ते खत्म/मर्ज हुए थे पिछली बार
1 जनवरी 2016 में 7वां वेतन आयोग लागू करने के दौरान करीब 200 तरह के अलाउंसेज को रिव्यू किया गया था. इनमें से 52 को खत्म किया गया और बाकियों को दूसरों में मिला दिया गया था. एक्सपर्ट्स का मानना है कि 8वें वेतन आयोग के दौरान भी यह ट्रेंड जारी रहेगा. इस बार फोकस बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते को बढ़ाने और छोटे भत्तों को कम करने पर हो सकता है.
क्या है फिटमेंट फैक्टर का असली गणित?
नए वेतन आयोग में सैलरी कितनी बढ़ेगी, ये मुख्य रूप से फिटमेंट फैक्टर पर डिपेंड करता है. इसी से ही कर्मचारियों की बढ़ी हुई सैलरी को कैलकुलेट किया जाता है. नया वेतन आयोग जिस फिटमेंट फैक्टर पर लागू होता है, उसे बेसिक सैलरी से गुणा (मल्टीप्लाई) किया जाता है. उदाहरण के लिए, बेसिक सैलरी अगर 20 हजार रुपये और फिटमेंट फैक्टर 2.57 है तो 20,000 X 2.5 = 50,000 होता है. मतलब जो बेसिक सैलरी 20 हजार थी, वह 50 हजार रुपये तक हो जाएगी.
तीन गुना तक सैलरी कैसे बढ़ सकती है?
नए पे कमीशन को लेकर एक्सपर्ट्स का आकलन है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.83 से लेकर 2.86 तक हो सकता है. आसान शब्दों में इसे बताएं तो सैलरी में 13 पर्सेंट से लेकर 34 पर्सेंट तक का इजाफा देखने को मिल सकता है. हालांकि असल बढ़ोतरी कितनी होगी, ये 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देते समय सरकार द्वारा तय फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करेगी.
7वें वेतन आयोग में कितनी बढ़ी थी सैलरी?
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. इसकी वजह से सैलरी में 157% की बढ़ोतरी हुई थी और बेसिक पे 7000 से बढ़कर 18,000 हो गई थी. अगर मान लें कि सरकार 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू करती है और अन्य भत्तों में ज्यादा उलटफेर नहीं करती तो कितनी सैलरी बढ़ेगी? ऐसा होने पर बेसिक सैलरी दोगुनी नहीं बल्कि तीन गुना तक बढ़ सकती है.
मिड लेवल कर्मचारी के उदाहरण से समझें
सैलरी का बढ़ना बजट आवंटन पर भी निर्भर करता है. मिड लेवल कर्मचारियों के उदाहरण के समझते हैं, जिनकी सैलरी एक लाख रुपये महीना है.
अगर 1.75 लाख करोड़ का बजट आवंटन होता है तो सैलरी 14% बढ़ोतरी के साथ 1.14 लाख रुपये हो सकती है.
अगर 2 लाख करोड़ का आवंटन हुआ तो यह सैलरी बढ़कर 1.16 लाख रुपये महीना हो सकती है, यानी 16% का इजाफा.
इसी तरह 2.25 लाख करोड़ का बजट आवंटन होने पर सैलरी 18%बढ़कर 1.18 लाख रुपये हो सकती है.
महंगाई भत्ता हो सकता है जीरो
हालांकि ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस बार महंगाई भत्ते को जीरो करके बेसिक पे में मर्ज किया जा सकता है, जो कि अभी 58 पर्सेंट है. इसका मतलब ये कि फिटमेंट फैक्टर लागू होने के बाद सैलरी में इजाफा तो होगा, लेकिन बहुत ज्यादा की उम्मीद नहीं रहेगी. बहरहाल केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी, इसके लिए सरकार के फैसले का इंतजार करना होगा.
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