
Dr Sarin Genetic Advice: भारत में शादी से पहले लड़का-लड़की की जन्मपत्री मिलाना एक आम परंपरा है. लेकिन, अब विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर्फ ग्रह-नक्षत्र नहीं, बल्कि जीन यानी आनुवंशिकता भी मिलानी चाहिए. एम्स में लिवर स्पेशलिस्ट डॉ. सरीन कहते हैं कि अगर हम अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं तो शादी से पहले जीनपत्री मिलाना कहीं ज्यादा जरूरी है. यानि कि हमें अपने माता-पिता से विरासत में क्या मिला है. यानि लड़का-लड़की के माता-पिता, दादा-दादी और नाना-नानी से कौन से बीमारियां विरासत में मिली हैं. अगर हम जीनपत्री नहीं मिलाएंगे या जीन्स के बारे में नहीं जानेंगे तो वही बीमारियां हमारे बच्चों में भी ट्रांसफर हो सकती हैं.
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क्या है 'जीनपत्री'?
जीनपत्री का मतलब है, यह देखना कि लड़के और लड़की को अपने माता-पिता से कौन-कौन सी बीमारियां विरासत में मिली हैं. इसमें खासकर पारिवारिक मेडिकल इतिहास देखा जाता है. उदाहरण के लिए अगर किसी के परिवार में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक या कैंसर जैसी बीमारियां रही हैं, तो यह भविष्य में बच्चों में भी आ सकती हैं.
जन्मपत्री से ज्यादा जरूरी क्यों है जीनपत्री?
जन्मपत्री में ग्रहों का मेल देखा जाता है, जबकि जीनपत्री में बीमारी और स्वास्थ्य से जुड़ी हकीकत जानी जाती है. डॉ. सरीन कहते हैं, "अगर दोनों पक्षों में कोई गंभीर बीमारी विरासत में चल रही है, तो शादी से पहले ही जागरूक होकर सावधानी बरती जा सकती है. इससे आने वाली पीढ़ी को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है."
किन बीमारियों की जांच जरूरी है?
डॉ. सरीन के अनुसार, शादी से पहले इन बीमारियों की फैमिली हिस्ट्री जरूर जाननी चाहिए:
- डायबिटीज (शुगर)
- हाई ब्लड प्रेशर (BP)
- हार्ट डिजीज
- थैलेसीमिया या सिकल सेल एनीमिया
- लिवर डिजीज
- मानसिक बीमारियां
- कैंसर
अगर दोनों पार्टनर को कोई बीमारी विरासत में मिली हो, तो बच्चों में उसका खतरा दोगुना हो सकता है.
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कैसे मिलाएं जीनपत्री?
- दोनों परिवारों का मेडिकल इतिहास पूछें.
- अगर संभव हो तो जेनेटिक टेस्टिंग कराएं.
थैलेसीमिया जैसे रोगों की जांच कराना बेहद जरूरी है, क्योंकि अगर दोनों पार्टनर इसके कैरियर हुए तो बच्चे में यह बीमारी आ सकती है. डॉक्टर की सलाह लेकर शादी से पहले हेल्थ चेकअप कराना एक समझदारी भरा कदम है.
यह कदम क्यों जरूरी है?
आज के समय में हर तीसरा इंसान किसी न किसी क्रॉनिक बीमारी से जूझ रहा है. ऐसे में अगर शादी से पहले ही हेल्थ प्लानिंग की जाए, तो बच्चों को इन बीमारियों से बचाया जा सकता है. यह न सिर्फ उनके बेहतर भविष्य के लिए जरूरी है, बल्कि एक स्वस्थ समाज बनाने में भी मदद करता है.
अब वक्त आ गया है कि परंपराओं के साथ-साथ विज्ञान को भी महत्व दिया जाए. शादी से पहले केवल कुंडली नहीं, बल्कि खून में छिपे खतरे यानी जीन का मिलान भी जरूरी है. डॉ. सरीन की सलाह मानें तो "जीनपत्री" देखकर शादी करना आने वाली पीढ़ी के लिए एक बड़ा तोहफा साबित हो सकता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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