
Late Motherhood Health Risks: आज की दौड़ती-भागती दुनिया में लड़कियां कई कारणों से शादी देर से करने का फैसला ले रहे हैं. इसके पीछे शिक्षा, जॉब और करियर भी एक बड़ी वजह है. इसके चलते शादी, प्रेग्नेंसी और मातृत्व की उम्र पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है. पहले जहां महिलाएं 20 से 25 की उम्र में शादी और बच्चे कर लेती थीं, वहीं अब यह उम्र 30 या उससे भी ज्यादा हो गई है. यह बदलाव समाज के लिए प्रगतिशील है, लेकिन इसके साथ एक मेडिकल चिंता भी जुड़ी है, क्या देर से विवाह और देर से प्रेग्नेंसी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा देती है? यह सवाल सिर्फ सामाजिक नहीं, बल्कि स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि इस विषय पर विशेषज्ञों की क्या राय है और विज्ञान क्या कहता है.
ये भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी का सबसे सही समय कौन सा है? जानिए कब जल्दी कंसीव हो जाता है
ब्रेस्ट कैंसर क्या है और क्यों होता है?
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर है. यह तब होता है जब स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और गांठ या ट्यूमर का रूप ले लेती हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं:
- हार्मोनल असंतुलन
- पारिवारिक इतिहास (जेनेटिक फैक्टर)
- गलत खान-पान और मोटापा
- शराब और तंबाकू का सेवन
- देर से विवाह और मातृत्व
इनमें से कुछ कारणों पर हमारा कंट्रोल होता है, जबकि कुछ पर नहीं. लेकिन देर से विवाह और प्रेग्नेंसी जैसे फैसले आजकल आम हो गए हैं, इसलिए इनका असर जानना जरूरी है.
देर से विवाह और प्रेग्नेंसी का शरीर पर क्या असर होता है?
- महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन होता है, जो प्रजनन से जुड़ा होता है. जब महिला जल्दी शादी करती है और जल्दी मां बनती है, तो उसके शरीर में हार्मोनल संतुलन बना रहता है. लेकिन देर से विवाह और प्रेग्नेंसी के कारण:
- एस्ट्रोजन का एक्सपोजर ज्यादा समय तक होता है, जिससे स्तन कोशिकाओं पर असर पड़ता है.
- स्तनपान में देरी या कमी भी रिस्क फैक्टर बन सकती है, क्योंकि स्तनपान स्तन कोशिकाओं को कैंसर से बचाने में मदद करता है.
- प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव स्तन कोशिकाओं को स्थिर करते हैं, जिससे कैंसर का खतरा कम होता है.
- इसलिए जब ये बदलाव देर से होते हैं, तो शरीर लंबे समय तक हार्मोनल असंतुलन में रहता है, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.
क्या रिसर्च और आंकड़े भी यही कहते हैं?
कई मेडिकल स्टडीज में यह पाया गया है कि जिन महिलाओं की पहली प्रेग्नेंसी 30 की उम्र के बाद होती है, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा थोड़ा ज्यादा होता है. वहीं जिन महिलाओं ने कभी बच्चे नहीं किए, उनमें यह रिस्क और भी ज्यादा हो सकता है. शहरी क्षेत्रों में जहां देर से विवाह और मातृत्व आम है, वहां ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
ये भी पढ़ें: सिर्फ 1 हफ्ते में हो जाएगी किडनी की गंदगी साफ, ये घरेलू ड्रिंक करेगी कमाल, जानें बनाने का तरीका
बचाव के उपाय: देर से फैसले, लेकिन सही तैयारी
अगर आप देर से शादी या प्रेग्नेंसी का विकल्प चुन रही हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- रेगुलर मेडिकल चेकअप कराएं, खासकर 30 की उम्र के बाद.
- ब्रेस्ट सेल्फ-एग्जामिनेशन की आदत डालें.
- बैलेंस डाइट और व्यायाम से हार्मोनल संतुलन बनाए रखें.
- स्तनपान को प्राथमिकता दें, यह प्राकृतिक सुरक्षा देता है.
- परिवार में कैंसर का इतिहास हो तो डॉक्टर से सलाह लें.
देर से विवाह और प्रेग्नेंसी आज की लाइफस्टाइल का हिस्सा हैं, लेकिन इनके साथ जुड़े हेल्थ रिस्क को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर जानकारी और सावधानी से इससे बचा जा सकता है.
Gurudev Sri Sri Ravi Shankar: Stress, Anxiety, से लेकर Relationship, Spirituality तक हर बात
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं