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This Article is From Sep 06, 2020

छत्तीसगढ़ सरकार 6 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देगी

सुकमा जिले के एक गांव के व्यक्ति शामनाथ बघेल की हत्या के आरोप में प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, प्रोफेसर अर्चना प्रसाद, माकपा नेता संजय पराते और संस्कृति कर्मी विनीत तिवारी पर मुकदमा दर्ज हुआ था

छत्तीसगढ़ सरकार 6 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देगी
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फाइल फोटो).
भोपाल:

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर एफआईआर के मामले पर राज्य सरकार की प्रतिक्रिया सामने आई है. छत्तीसगढ़ सरकार 6 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देगी. सरकार के इस आदेश के बाद सुकमा प्रशासन ने पीड़ितों से सम्पर्क किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, जेएनयू की प्रोफेसर अर्चना प्रसाद, माकपा नेता संजय पराते और संस्कृति कर्मी विनीत तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था.

एक व्यक्ति की नक्सल हत्या पर 6 कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. यह मामला 5 नवंबर 2016 को दर्ज किया गया था. चार साल पहले कथित अपराधों को लेकर सुकमा में एफआईआर दर्ज की गई थी.

सुकमा जिले के एक गांव के व्यक्ति शामनाथ बघेल की हत्या के आरोप में आईपीसी आर्म्स एक्ट और यूपीए के तहत 2016 में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, जेएनयू की प्रोफेसर अर्चना प्रसाद, माकपा नेता संजय पराते और संस्कृति कर्मी विनीत तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था.

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