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छत्तीसगढ़ : ED ने शराब घोटाला मामले में रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को गिरफ्तार किया

सूत्रों ने बताया कि आईएएस अधिकारी को बाद में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में ले लिया गया और उन्हें रिमांड पर लेने के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने की संभावना है.

छत्तीसगढ़ : ED ने शराब घोटाला मामले में रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को गिरफ्तार किया
फाइल फोटो
रायपुर:

केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने रिटायर्ड आईएएस अफसर अनिल टुटेजा (Anil Tuteja) को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला (Chhattisgarh Liquor Scam Case) मामले में गिरफ्तार  किया गया है. जानकारी के मुताबिक, करीब दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के इस शराब घोटाले में ईडी ने 8 अप्रैल को चार्जशीट दायर की थी लेकिन प्रोसीड ऑफ क्राइम साबित न होने पर कोर्ट ने मामले को निरस्त कर दिया था. 

इसके बाद ईडी ने रिटायर्ड आईएएस अफसर अनिल टुटेजा और अन्य आरोपियों के खिलाफ नई ईसीआईआर दर्ज की है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा ने शराब कारोबारियों और राजनेताओं के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया था. संघीय एजेंसी ने 2003 बैच के अधिकारी को शनिवार को रायपुर स्थित आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू)/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के कार्यालय से हिरासत में लिया था, जहां वह और उनके बेटे यश टुटेजा इसी मामले में अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे थे.

सूत्रों ने बताया कि आईएएस अधिकारी को बाद में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में ले लिया गया और उन्हें रिमांड पर लेने के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने की संभावना है. अनिल टुटेजा पिछले साल प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे.

उच्चतम न्यायालय ने आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित ईडी की प्राथमिकी को हाल में रद्द कर दिया था जिसके बाद संघीय एजेंसी ने कथित शराब घोटाला मामले में धनशोधन का एक नया मामला दर्ज किया था. एजेंसी ने मामले में अपनी जांच का विवरण राज्य ईओडब्ल्यू/एसीबी के साथ साझा किया और प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया तथा प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ईडी ने उस शिकायत का संज्ञान लेते हुए धनशोधन का एक नया मामला दर्ज किया.

प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की "हर" बोतल से "अवैध" धन एकत्र किया गया था और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले शराब सिंडिकेट द्वारा कमाए गए 2,000 करोड़ रुपये के धनशोधन तथा "अप्रत्याशित" भ्रष्टाचार के सबूत मिले हैं.

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