तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) से बर्खास्त पार्टी के पदाधिकारी जाफर सादिक और उनसे जुड़ी संस्थाओं ने कथित तौर पर नशीले पदार्थों की तस्करी से कमाई गई 40 करोड़ रुपये से अधिक की राशि फिल्म उद्योग, आतिथ्य और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में लगा दी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को यह जानकारी दी.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौ अप्रैल को चेन्नई, मदुरै और तिरुचिरापल्ली में इस मामले में छापे के बाद एक आधिकारिक बयान में ये दावे किए. सादिक (36) को पिछले महीने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत वाली लगभग 3,500 किलोग्राम स्यूडोएफ़ेड्रिन की तस्करी में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था.
एनसीबी द्वारा सादिक के तार मादक पदार्थ नेटवर्क से कथित रूप से जुड़े होने का उल्लेख किए जाने के बाद उन्हें फरवरी में तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था. धनशोधन का मामला सादिक और उसके सहयोगियों के खिलाफ ‘मादक पदार्थों के सीमा पार अवैध व्यापार' में शामिल होने के आरोप में एनसीबी और सीमा शुल्क विभाग की ओर से दर्ज अलग-अलग शिकायतों पर आधारित है.
ईडी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले एक गिरोह के कथित मास्टरमाइंड सादिक पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में स्वास्थ्य वर्धक पाउडर और सूखे नारियल के रूप में स्यूडोएफ़ेड्रिन की तस्करी करने का आरोप है.
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