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सरकार ने बदला अंडमान-निकोबार की राजधानी का नाम, जानें अब किस नाम से जाना जाएगा पोर्ट ब्लेयर

पोर्ट ब्लेयर का नाम 1789 में ईस्ट इंडिया कंपनी के आर्चीबाल्ड ब्लेयर (Archibald Blair) के सम्मान में रखा गया था. जिसे अब बदलकर श्री विजया पुरम किया गया है.

सरकार ने बदला अंडमान-निकोबार की राजधानी का नाम, जानें अब किस नाम से जाना जाएगा पोर्ट ब्लेयर
नई दिल्ली:

मोदी सरकार एक-एक करके अंग्रेजों की गुलामी के प्रतीक हटा रही है. कई शहरों के नाम बदले जा चुके हैं. अब केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए केंद्रशासित प्रदेश अंडमान व निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदल दिया है. अब पोर्ट ब्लेयर की पहचान ‘श्री विजया पुरम' के नाम से होगी. पोर्ट ब्लेयर का नाम 1789 में ईस्ट इंडिया कंपनी के आर्चीबाल्ड ब्लेयर (Archibald Blair) के सम्मान में रखा गया था. जिसे अब बदलकर श्री विजया पुरम किया गया है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी. अमित शाह ने लिखा, "देश को औपनिवेशिक छापों से मुक्त करने के लिए आज हमने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर 'श्री विजया पुरम' करने का निर्णय लिया है. पहले के नाम में औपनिवेशिक विरासत थी. श्री विजया पुरम हमारे स्वतंत्रता संग्राम में हासिल की गई जीत और उसमें अंडमान व निकोबार द्वीप समूह की अद्वितीय भूमिका का प्रतीक है." 

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शाह ने लिखा- "अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का हमारे स्वतंत्रता संग्राम और इतिहास में अद्वितीय स्थान है. वह द्वीप क्षेत्र जो कभी चोल साम्राज्य के नौसैनिक अड्डे के रूप में कार्य करता था, आज हमारी रणनीतिक और विकास आकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण आधार बनने के लिए तैयार है." 

गृहमंत्री ने आगे लिखा, "यह वह स्थान भी है, जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हमारे तिरंगे को पहली बार फहराया था. वह सेल्युलर जेल भी है, जहां वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के लिए संघर्ष किया था."

पोर्ट ब्लेयर दक्षिण अंडमान द्वीप पर स्थित है. प्रशासनिक दृष्टि से यह दक्षिण अंडमान जिले में आता है. यहां जाने के लिए भारतीयों को तो किसी तरह की परमिशन की जरूरत नहीं होती. विदेशियों और NRI को यहां पहुंचने पर प्रोटेक्टेड एरिया परमिट (PAP) लेना पड़ता है. ये परमिट 30 दिन के लिए वैलिड होता है.

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समुद्री मार्ग से विशाखापट्टनम से पोर्ट ब्लेयर पहुंचने में 56 घंटे, चेन्नई से 60 घंटे और कोलकाता से 66 घंटे लगते हैं. दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और हैदराबाद से डायरेक्ट फ्लाइट भी है.

बीते साल पीएम मोदी ने किया था 21 द्वीपों का नामकरण
बता दें कि पीएम मोदी ने बीते साल 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के मौके पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया था. 

इन परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखे गए द्वीपों के नाम 
जिन परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर द्वीपों का नाम रखा है, उनमें कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धान सिंह थापा, सुबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण क्षेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल सिंह शेखों, मेजर परमेश्वरम, नायब सुबेदार बना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, सुबेदार मेजर संजय कुमार, सुबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव के नाम शामिल हैं.

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