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पूर्व सांसद कुलदीप राय शर्मा समेत 4 आरोपियों को जमानत नहीं, कोर्ट का बड़ा फैसला

प्रवर्तन निदेशालय ने इन चारों को PMLA की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया था. मामला 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक घोटाले से जुड़ा है. इसके अलावा ED ने 14 नवंबर 2025 को इस केस में 39 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी.

पूर्व सांसद कुलदीप राय शर्मा समेत 4 आरोपियों को जमानत नहीं, कोर्ट का बड़ा फैसला

अंडमान और निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में फंसे पूर्व सांसद कुलदीप राय शर्मा समेत चार आरोपियों को बड़ा झटका लगा है. पोर्ट ब्लेयर की विशेष PMLA कोर्ट ने सभी आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं.

आरोपियों के नाम

  • कुलदीप राय शर्मा - अंडमान-निकोबार के पूर्व सांसद और बैंक के पूर्व चेयरमैन
  • के. मुरुगन – बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर
  • के. कलैवनन – लोन ऑफिसर
  • संजय लाल – कुलदीप राय शर्मा का करीबी सहयोगी शामिल हैं.

चारों आरोपियों ने PMLA कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन दोनों पक्षों की लंबी सुनवाई के बाद 12 दिसंबर 2025 को कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा कि चारों आरोपियों की मनी लॉन्ड्रिंग में सक्रिय भूमिका के पुख्ता सबूत मौजूद हैं. कोर्ट ने यह भी माना कि बैंक घोटाले के लिए शेल कंपनियां बनाई गईं, बैंक से फर्जी तरीके से लोन पास किए गए, और भारी रकम रिश्वत के तौर पर कुलदीप राय शर्मा तक पहुंचाई गई. इस पैसे से अचल संपत्तियां भी खरीदी गईं.

कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि कुलदीप राय शर्मा और संजय लाल ने सबूत नष्ट करने की कोशिश की, जिससे उनकी गिरफ्तारी पूरी तरह जायज़ मानी गई. इसी आधार पर PMLA की धारा 45 के तहत सभी आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया गया.

प्रवर्तन निदेशालय ने इन चारों को PMLA की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया था. मामला 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक घोटाले से जुड़ा है. इसके अलावा ED ने 14 नवंबर 2025 को इस केस में 39 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी.

ED की जांच अंडमान-निकोबार पुलिस की क्राइम एंड इकोनॉमिक ऑफेंस सेल द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू हुई थी. जांच में सामने आया कि बैंक के अधिकारी, कुलदीप राय शर्मा, संजय लाल और संजीव लाल के साथ मिलकर कई फर्जी कंपनियां बनाई गईं और जानबूझकर उन्हें भारी-भरकम लोन दिए गए, ताकि पैसा वापस न किया जाए.

ED के मुताबिक, अब तक की जांच में पता चला है कि 100 से ज्यादा लोन अकाउंट्स के जरिए बैंक का पैसा इधर-उधर घुमाया गया. इस घोटाले में बैंक को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. ED ने साफ किया है कि मामले की जांच अभी जारी है.

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