विज्ञापन

वीर सावरकर जी का जीवन देशभक्ति, साहस और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रतीक...गृह मंत्री अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने श्री विजयपुरम में स्वातंत्र्यवीर सावरकर जी द्वारा रचित कविता 'सागरा प्राण तळमळला' के 115 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आज सभी भारतवासियों के लिए एक तीर्थस्थान बन गया है क्योंकि यहां वीर सावरकर जी ने अपने जीवन के सबसे कठिन समय को बिताया है.

वीर सावरकर जी का जीवन देशभक्ति, साहस और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रतीक...गृह मंत्री अमित शाह
  • गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वीर सावरकर का जीवन देशभक्ति, साहस का प्रतीक है
  • अंडमान-निकोबार द्वीप समूह स्वतंत्रता संग्राम की तपोभूमि है जहां सावरकर ने कठिन समय बिताया
  • RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सावरकर की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

श्री विजयपुरम में सावरकर की रचित कविता ‘सागरा प्राण तळमळला' के 115 वर्ष पूरे होने पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि वीर सावरकर जी का जीवन देशभक्ति, साहस और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रतीक है. इस अवसर पर सावरकर जी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण RSS प्रमुख मोहन भागवत ने किया. गृह मंत्री शाह ने इसे “सोने पर सुहागा” बताते हुए कहा कि यह क्षण चिरस्मरणीय रहेगा.

Latest and Breaking News on NDTV

अंडमान-निकोबार: स्वतंत्रता संग्राम की तपोभूमि

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह आज सभी भारतवासियों के लिए तीर्थस्थान है क्योंकि यहां वीर सावरकर ने अपने जीवन का सबसे कठिन समय बिताया. उन्होंने याद दिलाया कि यह स्थान सुभाष चंद्र बोस की स्मृति से भी जुड़ा है. आज़ाद हिंद फौज ने सबसे पहले अंडमान-निकोबार को आज़ाद कराया था और सुभाष बाबू ने इन द्वीपों को ‘शहीद' और ‘स्वराज' नाम देने का सुझाव दिया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया. शाह ने कहा कि यह द्वीप समूह असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और राष्ट्रभक्ति से बनी तपोभूमि है.

मोहन भागवत के हाथों प्रतिमा का अनावरण

कार्यक्रम में वीर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण RSS प्रमुख मोहन भागवत ने किया. गृह मंत्री शाह ने कहा कि यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को सावरकर के जीवन से प्रेरणा देगी और युवाओं में मातृभूमि के प्रति कर्तव्यनिष्ठा, राष्ट्रीय एकता और समृद्ध राष्ट्र-निर्माण की भावना को मजबूत करेगी.

Latest and Breaking News on NDTV

सावरकर की कविता और विचारों का महत्व

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सावरकर की कविता ‘सागरा प्राण तळमळला' देशभक्ति की अभिव्यक्ति की पराकाष्ठा है. उन्होंने सावरकर का संदेश उद्धृत किया “वीरता भय का अभाव नहीं, बल्कि भय पर विजय है.” शाह ने कहा कि सच्चे वीर वे हैं जो भय को जानते हैं और उसे परास्त करने का साहस रखते हैं, और सावरकर ने इस विचार को जिया.

कॉफी टेबल बुक और सम्मान

कार्यक्रम में सावरकर पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन हुआ और उनके विचारों को आगे बढ़ाने वाले कई लोगों का सम्मान किया गया। शाह ने कहा कि सावरकर का व्यक्तित्व इतना विशाल है कि उसे किसी पुस्तक या फिल्म में पूरी तरह समेटना कठिन है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का अस्तित्व सिर्फ शरीर से नहीं बनता, बल्कि उसकी विचारधारा और कर्म से बनता है, और सावरकर के इन गुणों को भारत ही पहचान सकता है।

सावरकर का बहुआयामी व्यक्तित्व

गृह मंत्री ने कहा कि सावरकर एक लेखक, कवि, योद्धा, समाज-सुधारक और जन्मजात देशभक्त थे. उन्होंने गद्य और पद्य दोनों में साहित्य रचा और लगभग 600 से अधिक शब्द भारतीय भाषाओं को दिए. उन्होंने हिंदुत्व को आधुनिकता और परंपरा के संगम के रूप में प्रस्तुत किया और अस्पृश्यता तथा सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष किया. शाह ने कहा कि दो उम्रकैद मिलने पर भी मातृभूमि के यशोगान के लिए साहित्य सृजन करने वाले सावरकर से बड़ा देशभक्त कोई नहीं हो सकता.

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की नींव

शाह ने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की नींव सावरकर ने रखी थी, जिस पर आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है. उन्होंने याद दिलाया कि सावरकर ने 1857 के संग्राम को ‘स्वतंत्रता संग्राम' का नाम देकर अंग्रेजों की मानसिक गुलामी को तोड़ा. उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी के पंच प्रण में गुलामी की स्मृतियों को मिटाकर 2047 तक महान भारत बनाने का संकल्प है, और यह 140 करोड़ लोगों का साझा संकल्प बन चुका है.

................................

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com