NGT ने दिल्ली-एनसीआर में दस साल पुरानी डीज़ल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया है
नई दिल्ली:
दिल्ली एनसीआर में 10 साल पुरानी डीज़ल गाड़ियों पर लगी रोक को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि इस मामले में पुराने आदेशों को कोर्ट के समक्ष रखे. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दस्तावेज न देने पर कहा इस गंभीर मुद्दे पर आपका व्यवहार लापरवाही भरा दिख रहा है. कोर्ट ने केंद्र से कहा कि सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वे आदेश और दस्तावेज नहीं लगाए जिनके आधार पर NGT के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई थी.
पहले सरकार सारे दस्तावेज दाखिल करे फिर सुनवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई के महीने में एक अहम फैसले में नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल यानी NGT ने दिल्ली में 10 साल पुरानी डीज़ल गाड़ियों पर बैन के आदेश दिए थे. इस आदेश के तहत एनजीटी ने आरटीओ से पुरानी डीज़ल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश जारी किया था. इस पर सरकार ने ग्रीन कोर्ट से कहा था कि इस समय ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत 15 साल से पुराने और बीएस 1 या बीएस 2 मानकों का पालन करने वाले डीजल वाहन सड़कों से हटाए जा सके. भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय ने कहा था कि एनजीटी का दिया आदेश मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों का ‘उल्लंघन’ है. केंद्र सरकार ने NGT के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
पहले सरकार सारे दस्तावेज दाखिल करे फिर सुनवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई के महीने में एक अहम फैसले में नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल यानी NGT ने दिल्ली में 10 साल पुरानी डीज़ल गाड़ियों पर बैन के आदेश दिए थे. इस आदेश के तहत एनजीटी ने आरटीओ से पुरानी डीज़ल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश जारी किया था. इस पर सरकार ने ग्रीन कोर्ट से कहा था कि इस समय ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत 15 साल से पुराने और बीएस 1 या बीएस 2 मानकों का पालन करने वाले डीजल वाहन सड़कों से हटाए जा सके. भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय ने कहा था कि एनजीटी का दिया आदेश मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों का ‘उल्लंघन’ है. केंद्र सरकार ने NGT के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
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