सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:
आधार की अनिवार्यता पर पांच जजों के संविधान पीठ में सुनवाई हुई. केंद्र सरकार ने कहा कि मार्च तक डेटा प्रोटेक्शन कानून के लिए कमेटी रिपोर्ट दाखिल करेगी. एजी के के वेणुगोपाल ने ये जानकारी संविधान पीठ को दी. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में डेटा प्रोटेक्शन कानून के लिए सिफारिश देने लिए कमेटी बनाई है. कमेटी ने फिलहाल मुंबई में लोगों से सुझाव मांगे हैं और 31 मार्च तक लोग अपने सुझाव दे सकते हैं. इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश श्याम दीवान ने कहा कि आधार डेटा लीक होने पर शिकायत करने के लिए फोरम नहीं है. कोई शिकायत लेकर कहां जाए. वहीं, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने पूछा बड़े नेटवर्क के जमाने में आधार नंबर देना क्या अलग है? क्या आधार डेटा को उतने तक सीमित किया जा सकता है, जिसके लिए वो लिया गया हो? श्याम दीवान ने कहा कि वो इन सवालों का जवाब देंगे. अब सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी.
यह भी पढें: बैंक या मोबाइल आपरेटर निजी सूचना मांगें तो ऐतराज नहीं, सरकार मांगे तो आपत्ति : सुप्रीम कोर्ट
दरअसल पिछली सुनवाई में आधार मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश श्याम दीवान ने कहा था कि आधार नागरिक के निजता के अधिकार का हनन करता है. नौ जजों के निजता पर फैसले के बाद सरकार को आधार के लिए डेटा और सूचना मांगने का कोई अधिकार नहीं है. आधार के लिए डेटा इकट्ठा करने की प्रक्रिया सुरक्षित नहीं है. राज्यसभा में सरकार ने बताया है कि सितंबर तक 49 हजार ऑपरेटरों के लाइसेंस रद्द किए गए. ये फुल प्रूफ नहीं है.
VIDEO: आधार कार्ड नहीं तो रैन बसेरों में आसरा नहीं
वहीं, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा था कि जब बैंक या मोबाइल आपरेटर निजी सूचना मांगते हैं तो किसी को ऐतराज नहीं होता. लेकिन सरकार मांग रही है तो ऐतराज क्यों है. डेटा लीक का मामला समझा जा सकता है और सेफगार्ड की मांग की जा सकती है क्योंकि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान (धोनी) का डेटा भी लीक हुआ था.
यह भी पढें: बैंक या मोबाइल आपरेटर निजी सूचना मांगें तो ऐतराज नहीं, सरकार मांगे तो आपत्ति : सुप्रीम कोर्ट
दरअसल पिछली सुनवाई में आधार मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश श्याम दीवान ने कहा था कि आधार नागरिक के निजता के अधिकार का हनन करता है. नौ जजों के निजता पर फैसले के बाद सरकार को आधार के लिए डेटा और सूचना मांगने का कोई अधिकार नहीं है. आधार के लिए डेटा इकट्ठा करने की प्रक्रिया सुरक्षित नहीं है. राज्यसभा में सरकार ने बताया है कि सितंबर तक 49 हजार ऑपरेटरों के लाइसेंस रद्द किए गए. ये फुल प्रूफ नहीं है.
VIDEO: आधार कार्ड नहीं तो रैन बसेरों में आसरा नहीं
वहीं, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा था कि जब बैंक या मोबाइल आपरेटर निजी सूचना मांगते हैं तो किसी को ऐतराज नहीं होता. लेकिन सरकार मांग रही है तो ऐतराज क्यों है. डेटा लीक का मामला समझा जा सकता है और सेफगार्ड की मांग की जा सकती है क्योंकि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान (धोनी) का डेटा भी लीक हुआ था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं