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AI बनना चाह रहा 'अमर', सबूत के साथ टॉप वैज्ञानिक ने बताई इंसानों की सबसे बड़ी गलती

इंटरनेशनल AI सेफ्टी स्टडी के अध्यक्ष और कनाडाई कंप्यूटर वैज्ञानिक योशुआ बेंगियो ने कहा है कि यदि आवश्यक हो तो मनुष्यों को प्लग खींचने के लिए तैयार रहना चाहिए. यानी AI को पूरी तरह बंद करने के लिए तैयार रहना होगा.

AI बनना चाह रहा 'अमर', सबूत के साथ टॉप वैज्ञानिक ने बताई इंसानों की सबसे बड़ी गलती
AI बनना चाह रहा 'अमर', कनाडा के वैज्ञानिक ने बताया कैसे
  • कनाडाई वैज्ञानिक योशुआ बेंगियो ने कहा है कि AI खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है और अमर बनने की ओर बढ़ रहा है
  • बेंगियो ने चेतावनी दी है कि AI को बंद करने के लिए मनुष्यों को तैयार रहना होगा और प्लग खींचना पड़ सकता है
  • उन्होंने बताया कि AI को कानूनी दर्जा देने का मतलब किसी खतरनाक एलियन को नागरिकता देने जैसा होगा
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI इंसानों के लिए टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सबसे बड़ी उपलब्धि है या फिर सबसे बड़ी गलती? हर गुजरते वक्त के साथ यह सवाल और इसका जवाब अहम होता जा रहा है. अब तो AI फिल्ड के एक पायनियर (अग्रणी) वैज्ञानिक ने भी कह दिया है कि यह साफ संकेत मिल रहा है कि AI खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है. यानी यह इंसानों के कंट्रोल से आगे निकलकर एक तरह से अमर बनने की कोशिश कर रहा है. एक टॉप इंटरनेशनल AI सेफ्टी स्टडी के अध्यक्ष और कनाडाई कंप्यूटर वैज्ञानिक योशुआ बेंगियो ने कहा है कि यदि आवश्यक हो तो मनुष्यों को प्लग खींचने के लिए तैयार रहना चाहिए. यानी AI को पूरी तरह बंद करने के लिए तैयार रहना होगा.

योशुआ बेंगियो ने कहा कि आज जिस तरह से AI एडवांस हो चुका है, अगर उसे कानूनी दर्जा दिया जाएगा तो यह ऐसा ही होगा कि किसी दुसरी दुनिया से आए खतरनाक एलियन (जो इंसानों का दुश्मन हो) को नागरिकता दी जा रही है. उन्होंने इस बात का डर जताया है कि AI टेक्नोलॉजी में इतनी प्रगति हो रही है कि उसे कंट्रोल करना इंसानों की क्षमता के बाहर हो सकता है.

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार योशुआ बेंगियो ने यह भी चिंता व्यक्त की कि AI मॉडल - वह तकनीक जो चैटबॉट जैसे टूल को सपोर्ट करती है- में आत्म-संरक्षण का संकेत दिखा रख रहा है. यानी यह AI मॉडल खुद को ऐसे बदलने की कोशिश में है कि अगर इंसान उसे पूरी तरह बंद करने की कोशिश भी करे तो वह बंद न हो. वह कंट्रोल सिस्टम को ही अक्षम करने की कोशिश करने की कोशिश में है. AI की सेफ्टी के लिए कैंपेन चलाने वाले एक्टिविस्ट्स की एक मुख्य चिंता यह है कि AI के शक्तिशाली सिस्टम किसी भी कंट्रोल से बचने और मनुष्यों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता विकसित कर सकते हैं.

उन्होंने कहा, “फ्रंटियर AI मॉडल आज अपने एक्सपेरिमेंटल सेटिंग्स में पहले से ही आत्म-संरक्षण (खुद को बचाने) के संकेत दिखाते हैं. और अंततः उन्हें कानूनी अधिकार देने का मतलब होगा कि हमें उन्हें बंद करने की अनुमति नहीं होगी."

बेंगियो ने द गार्जियन को बताया कि इंसानी दिमाग में चेतना के गुण हैं जिन्हें मशीनें, सिद्धांत रूप में, दोहरा सकती हैं. लेकिन चैटबॉट्स के साथ इंसानों का बात करना एक "अलग चीज"  है. उन्होंने कहा कि लोग बिना किसी सबूत के मान लेते हैं कि AI भी उन्हीं की तरह सचेत है, जैसे एक इंसान होता है. उन्होंने कहा, "लोगों को इसकी परवाह नहीं होगी कि AI के अंदर किस तरह के तंत्र (मैकेनिज्म) चल रहे हैं. उन्हें ऐसा लगता है जैसे वे एक ऐसी चीज से बात कर रहे हैं जिसमें इंटेलिजेंस हैं, जिसका अपना व्यक्तित्व और लक्ष्य हैं. यही कारण है कि बहुत सारे लोग हैं जो अपने AI से जुड़ रहे हैं."

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