कोरोना के केस कई राज्यों में कम होने पर स्कूल एक बार फिर से खोलने को लेकर केंद्र ने कोविड दिशा निर्देशों में संशोधन किया है. आज जारी स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल के लिए संशोधित दिशानिर्देश अनुसार अब राज्य तय करेंगे कि क्या स्कूलों को फिजिकल क्लासेस के लिए माता-पिता से सहमति मांगनी है या नहीं. इसके अलावा स्कूल में संगीत, खेल और कला में समूह गतिविधियों को राज्यों द्वारा जारी किए गए कोविड-19 के दौरान मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार अनुमति दी जा सकती है. शिक्षा मंत्रालय ने आज कहा कि 11 राज्यों में स्कूल पूरी तरह से खुले हैं और नौ में बंद हैं.
कई अभिभावक और शिक्षक मांग कर रहे हैं कि स्कूलों में फिजिकल क्लासेस फिर से शुरू की जाएं, उन्होंनेक ऑनलाइन कक्षाओं को अपर्याप्त पाया है. इंटरनेट और स्मार्ट उपकरणों तक पहुंच पर निर्भरता ने आर्थिक रूप से पिछड़े समूहों और अन्य कमजोर वर्गों के छात्रों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है और कई विशेषज्ञ इसे "खोई हुई पीढ़ी" कहते हैं.
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"सोशल डिस्टेंसिंग" वाक्यांश को अब "फिजिकल डिस्टेंसिंग" से बदल दिया जाएगा. पूर्व वाक्यांश के लिए कई लोगों ने महसूस किया कि इसके नकारात्मक अर्थ हैं जो संकट के समय सामाजिक एकजुटता को प्रभावित कर सकते हैं.
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राज्यों द्वारा जारी SOP के अनुसार छात्रों के इकट्ठा होने और जमा होने की भी अनुमति दी गई है. शिक्षा मंत्रालय द्वारा कतारों को प्रबंधित करने और स्कूल परिसर में शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त दूरी पर विशिष्ट चिह्नों को भी अनिवार्य किया गया है. कॉमरेडिडिटी वाले बच्चों के लिए आवश्यक सावधानी बरतने की जरूरत है और स्कूल के वाहन चालकों और कंडक्टरों को जो कि कंटेनमेंट जोन में रहते हैं, उन्हें वाहनों में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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