
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने LUCC चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मंजूरी दे दी है. उत्तराखंड में इस LUCC (loni Urban multi state credit & Thrift Co-operative Society) नामक चिटफंड कंपनी ने 92 करोड़ के करीब घोटाला कर इसके लोग देश छोड़कर भाग गए. उत्तराखंड के हजारों लोगों का पैसा इस कंपनी में लगा था. इस घोटाले की जांच के लिए पौड़ी के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, नैनीताल सांसद अजय भट्ट, टिहरी सांसद माला राज लक्ष्मी शाह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. इन लोगों ने इस कंपनी के खिलाफ सख्त से सख्त ठोस कार्यवाही करने की मांग की थी.
दरअसल उत्तराखंड में LUCC (loni Urban multi state credit & Thrift Co-operative Society) नामक चिटफंड कंपनी की शुरुआत साल 2017 के शुरुआत में हुई. बाद में यह कंपनी गढ़वाल श्रीनगर आई और वहां उसने गढ़वाल श्रीनगर को अपना बेस कैंप बनाकर लोगों को पैसा दुगने करने और बैंक से ज्यादा ब्याज देने का वादा कर बड़ी मात्रा में लोगों से पैसे जमा करवाएं.
इस कंपनी की धोखाधड़ी को लेकर पहला मामला 1 जून 2024 को सामने आया था, जिसमें कोटद्वार की रहने वाली एक युवती ने इस कंपनी की दुग्गड़ शाखा में कार्यरत मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत पर रोड खाता खोलने के नाम पर पैसे लेकर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. जिसके बाद कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा दर्ज किया गया. पौड़ी पुलिस ने मामले में उपायुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
लेकिन LUCC चिटफंड कंपनी की धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहे और इस मामले में पुलिस ने कंपनी के स्टेट हेड सहित कुल आठ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. साथ ही गिरीश चंद्र बिष्ट, उत्तम सिंह, समीर अग्रवाल और शबाब हुसैन के खिलाफ लुक आउट नोटिस (LOC) जारी किए गए.
जानकारी के मुताबिक कंपनी ने देश भर में 189 करोड़ का घपला किया और जिसमें उत्तराखंड 92 करोड़ का घोटाला किया है. इस कंपनी के लोग विदेश भाग गए. वहीं इस LUCC चिट फंड घोटाले देहरादून टिहरी, कोटद्वार, रुद्रप्रयाग ,उत्तरकाशी में एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं. अभी फिलहाल इस मामले में सीआईडी जांच कर रही थी.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एण्ड थ्रिप्ट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालकों द्वारा वृहद स्तर पर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी संबंधी प्रकरणों में उत्तराखण्ड सहित विभिन्न प्रदेशों में पंजीकृत अभियोगो को सी.बी.आई. को हस्तान्तरित किए जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया है.
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