मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है. संसद के मानसून सत्र में लगातार गतिरोध बना हुआ है. इस बीच सरकार ने घटना की सीबीआई जांच का आदेश दिया है. जानकारी के अनुसार इस मामले के ट्रायल राज्य से बाहर होंगे. सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले को सीबीआई को भेज दिया है. सूत्रों ने बताया कि सरकार तीन महीने तक चली हिंसा से जुड़े अहम मुकदमे भी पूर्वोत्तर राज्य से बाहर चलाना चाहती है. जानकारी के अनुसार इस संबंध में एक हलफनामा दायर किया जाएगा.
देश भर में हुए हैं प्रदर्शन
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मणिपुर में चार मई को हुई एक बेहद ही झकझोर देने वाली घटना का वीडियो सामने आया था. तकरीबन एक हजार लोगों की हथियारबंद भीड़ ने कांगपोकपी जिले के एक गांव पर हमला किया और मकानों को लूटा, उनमें आग लगायी, हत्या की तथा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने से पहले उनसे दुष्कर्म किया था. इन महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरा देश आक्रोशित हो गया था और घटना के विरोध में जगह जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
आदिवासी एकजुटता रैली के बाद हुई थी हिंसा
मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग को लेकर 3 मई को मैतेई समुदाय और कुकी जनजाति के बीच हिंसा भड़क उठी. पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी एकजुटता रैली के तुरंत बाद झड़पें शुरू हो गईं थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों महिलाएं एक छोटे समूह का हिस्सा थीं, जो 4 मई को पहाड़ियों और घाटी के इन दोनों जातीय समुदायों के बीच हमलों और जवाबी हमलों का सिलसिला शुरू होने पर बचने के लिए एक जंगली इलाके में भाग गई थीं.
महिला के साथ हुई थी गैंग रेप की घटना
महिलाओं के रिश्तेदारों की ओर से पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत से पता चलता है कि उनमें से एक महिला के साथ गैंग रेप किया गया था. पुलिस ने कहा कि शिकायत के आधार पर 18 मई को जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी. मामला 21 मई को नोगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया. इसी पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में यह घटना हुई थी.
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