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This Article is From Jul 27, 2023

UPA के कुकर्म याद ना आएं इसलिए इन्होंने अपना नाम बदलकर I.N.D.I.A. कर लिया : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि ये नाम इसिलए बदला है, ताकि ये गरीबों के साथ किया छलकपट को छिपा सके. इनका तरीका वही, है जो हमेशा देश के दुश्मनों ने अपनाया है. पहले भी इंडिया के नाम के पीछे अपने पाप को छुपाने का प्रयास किया गया है.

सीकर:

नए विपक्षी मोर्चे पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यूपीए के काले कारनामों को छिपाने के लिए नया फ्रंट I.N.D.I.A बनाया गया है. लेकिन जनता सब जानती है. UPA के कुकर्म याद ना आए इसलिए इन्होंने अपना नाम बदलकर लिया है.  कांग्रेस आज देश की सबसे बड़ी दिशाविहीन पार्टी बनकर रह गई है.     

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीकर की रैली में कहा, "कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने एक नया पैंतरा चलाया है, ये पैतरा है- नाम बदलने का. पहले के जमाने में कोई पीढ़ी या कंपनी बदनाम हो जाती थी, तो तुरंत नया बोर्ड लगाकर लोगों को भ्रमित कर अपना धंधा पानी चलाने की कोशिश करती थी. कांग्रेस भी वहीं कर रही है. UPA के कुकर्म याद न आए इसलिए उसे बदलकर I.N.D.I.A कर दिया है." 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीकर की रैली में कहा, "कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने एक नया पैंतरा चलाया है, ये पैतरा है- नाम बदलने का. पहले के जमाने में कोई पीढ़ी या कंपनी बदनाम हो जाती थी, तो तुरंत नया बोर्ड लगाकर लोगों को भ्रमित कर अपना धंधा पानी चलाने की कोशिश करती थी. कांग्रेस भी वहीं कर रही है. UPA के कुकर्म याद न आए इसलिए उसे बदलकर I.N.D.I.A कर दिया है." 

पीएम मोदी ने कहा कि ये नाम इसिलए बदला है, ताकि ये गरीबों के साथ किया छलकपट को छिपा सके. इनका तरीका वही, है जो हमेशा देश के दुश्मनों ने अपनाया है. पहले भी इंडिया के नाम के पीछे अपने पाप को छुपाने का प्रयास किया गया है. इंडिया का नाम तो ईस्ट इंडिया कंपनी में भी था. लेकिन इंडिया नाम भारत भक्ति दिखाने के लिए नहीं, बल्कि भारत को लूटने के लिए लगाया गया था. कांग्रेस के समय ही सिमी बना था, जिसके नाम में भी इंडिया था. जब इसके कुकर्म सामने आए, तो इसे बैन किया गया. फिर ये नया नाम लेकर आए पीएफआई. नाम नया, लेकिन काम वही पुराना. 

उन्‍होंने कहा कि साथियों इंडिया के नाम के लेबल से ये अपने पुराने कारनामों को छुपाना चाहते हैं. अगर इनको वाकई इंडिया की परवाह होती, तो विदेश में जाकर विदेशियों से भारत में दखल देने की बात करते थे. इनको इंडिया की चिंता होती, तो क्या ये लोग सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते क्या. ये वही चेहरे हैं जिन्होंने हमारे सैनिकों का हक मारा. हमारे 'सैनिक वन रैंक वन पेंशन' मांगते रहे, पर इन्होंने नहीं दिया. जो लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग का साथ देते हैं, वो आज इंडिया के नाम से अपने कुकर्मों को छिपा रहे हैं.  इन लोगों में अहंकार कूट-कूटकर भरा हुआ है. एक बार पहले इन्होंने नारा दिया था- 'इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा'. ये लोग सुधरने को तैयार नहीं है. ये लोग कह रहे हैं कि यूपीए इज इंडिया एंड इंडिया इज यूपीए.

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