सीबीआई ने धोखे से युद्ध लड़ने रूस भेजे गए कश्मीरी युवक के परिवार का बयान दर्ज किया

पुलवामा के 31 वर्षीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट आजाद ने शुरू में दुबई में नौकरी के अवसरों की तलाश की, लेकिन झूठे वादों से गुमराह हो गए और अंततः रूसी सेना के लिए भाड़े के सैनिक के रूप में युद्ध लड़ने पहुंच गए.

सीबीआई ने धोखे से युद्ध लड़ने रूस भेजे गए कश्मीरी युवक के परिवार का बयान दर्ज किया

सीबीआई की जांच में झूठे प्रलोभन देकर मानव तस्करी करने वाले धोखाधड़ी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ.

श्रीनगर:

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मानव तस्करों द्वारा धोखा देकर अनजाने में रूस-यूक्रेन संघर्ष में धकेल दिए गए कश्मीरी युवक आजाद यूसुफ कुमार के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किए हैं. एजेंसी ने हाल में भारतीय युवाओं के शोषण से जुड़े 19 लोगों और वीजा कंसल्टेंसी फर्म के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उनके बयान दर्ज किए. आजाद के बड़े भाई सज्जाद अहमद कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि सीबीआई ने उनसे उनके भाई की हालत के बारे में पूछताछ की और नयी दिल्ली स्थित अपने कार्यालय में उपस्थित होने को कहा. हालांकि, वह वर्तमान वित्तीय हालात के कारण निर्देश का पालन नहीं कर पाए.

सज्जाद ने यह भी कहा कि 12 अन्य प्रभावित भारतीय लोगों के परिवारों से सीबीआई ने संपर्क किया है और उन्होंने अपने प्रियजनों की सुरक्षित वापसी की इच्छा पर जोर दिया है.

सीबीआई ने आठ मार्च को भारतीय युवाओं को युद्ध क्षेत्र में धकेलने वाले मानव तस्करी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करते हुए रूस में स्थित एजेंट सहित मामले के प्रमुख सूत्रधारों को चिह्नित किया था. इन एजेंटों ने भारतीय युवाओं को रूस में नौकरी की शानदार पेशकश का प्रलोभन देते हुए उन्हें संघर्ष में धकेल दिया.

पुलवामा के 31 वर्षीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट आजाद ने शुरू में दुबई में नौकरी के अवसरों की तलाश की, लेकिन झूठे वादों से गुमराह हो गए और अंततः रूसी सेना के लिए भाड़े के सैनिक के रूप में युद्ध लड़ने पहुंच गए. आजाद के परिवार ने यूक्रेन सीमा पर उनकी खतरनाक स्थिति के बारे में सूचित किया और सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.

आजाद के परिवार के अनुसार यूट्यूबर फैसल खान द्वारा प्रलोभन दिए जाने के बाद आजाद पिछले साल 14 दिसंबर को अच्छी नौकरी की तलाश में दुबई चले गए थे. बाद में वह झांसे में आकर युद्ध में हिस्सा लेने पहुंच गए.

परिवार ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने और आजाद को उस युद्ध से बचाने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘यूट्यूबर ने उसे दुबई में नौकरी देने का वादा किया था. हालांकि, वह रूसी सेना के लिए भाड़े का सैनिक बन गया.''

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रूस सरकार से संपर्क करने और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के भारतीय अधिकारियों के प्रयासों के बावजूद, आजाद की वापसी की दिशा में बहुत कम प्रगति हुई है. आजाद के परिवार ने उनके बारे में गहरी चिंता व्यक्त करते हुए उन खतरों पर प्रकाश डाला जिनका उन्हें अपरिचित क्षेत्र में प्रतिदिन सामना करना पड़ता है. सीबीआई की जांच में झूठे प्रलोभन देकर मानव तस्करी करने वाले धोखाधड़ी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ.