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हिंडाल्‍को के खिलाफ CBI ने दर्ज किया केस, पर्यावरण मंजूरी हासिल करने में भ्रष्‍टाचार का आरोप 

हिंडाल्‍को के खिलाफ पर्यावरण मंजूरी हासिल करने में भ्रष्‍टाचार का मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि पर्यावरण एवं वन विभाग के तत्‍कालीन निदेशक डॉ. टी चंदिनी ने विशेषज्ञ मूल्यांकन मंजूरी समिति का सदस्य बनकर हिंडाल्को का फेवर किया था.

हिंडाल्‍को के खिलाफ CBI ने दर्ज किया केस, पर्यावरण मंजूरी हासिल करने में भ्रष्‍टाचार का आरोप 
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

सीबीआई (CBI) ने हिंडाल्‍को (Hindalco) के खिलाफ पर्यावरण मंजूरी हासिल करने में भ्रष्‍टाचार का आरोप में मामला दर्ज किया है. इसी मामले में पर्यावरण एवं वन विभाग के तत्‍कालीन निदेशक डॉ. टी चंदिनी के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. उनके खिलाफ हिंडाल्‍को इंडस्‍ट्रीज को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है. हिंडाल्‍को आदित्‍य बिड़ला ग्रुप की एल्‍युमिनियम उत्‍पादक कंपनी है. सीबीआई ने 2016 में आदित्य बिड़ला मैनेजमेंट कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (Aditya Birla Management Corporation Private Limited) और पर्यावरण मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ शुरू प्रारंभिक जांच शुरू की थी, जिसके आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है. 

इस मामले में आरोप है कि ABMCPL प्रबंधन ने अपने प्रोजेक्ट्स के लिए 2011-13 के दौरान पर्यावरण मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों को पर्यावरण की मंजूरी देने के लिए रिश्वत दी थी. 

सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, सितंबर 2006 में जारी अधिसूचना के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से पर्यावरण की मंजूरी दी जा रही थी. इस अधिसूचना के अनुसार, सभी नए प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी जरूरी थी. 

केंद्र सरकार से पर्यावरण की मंजूरी की जरूरत वाले प्रोजेक्ट का मूल्यांकन विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति द्वारा किया गया था, जिसमें अलग-अलग क्षेत्र के पेशेवर और विशेषज्ञ शामिल थे. 

डॉ. टी चंदिनी को प्रतिबंधों की जानकारी थी : CBI

सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि संबंधित अवधि के दौरान तत्कालीन निदेशक डॉ. टी चंदिनी को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा ज्यादा प्रदूषित क्षेत्रों में लगाए गए प्रतिबंध के बारे में पूरी जानकारी थी. 

हिंडाल्‍को को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप 

हालांकि हिंडाल्को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई पर्यावरण की मंजूरी के उल्लंघन से पहले ही अतिरिक्त कोयले का उत्पादन कर रहा था. उसे अनुचित लाभ देकर फायदा पहुंचाया गया. आरोप है कि डॉ. चंदिनी ने विशेषज्ञ मूल्यांकन मंजूरी समिति का सदस्य बनकर हिंडाल्को इंडस्ट्रीज को फेवर किया था. 

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