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This Article is From Nov 07, 2023

"34% की मासिक आय 6000 रुपये से कम": बिहार जातीय गणना सर्वे की रिपोर्ट विधानसभा में पेश

गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार की नीतिश सरकार पर हमला बोलते हुए उस पर अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के तहत राज्य के जाति सर्वेक्षण में जानबूझकर मुस्लिमों और यादवों की आबादी को बढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया था.

"34% की मासिक आय 6000 रुपये से कम": बिहार जातीय गणना सर्वे की रिपोर्ट विधानसभा में पेश

बिहार की जातीय गणना और सामाजिक आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट विधान सभा में पेश किया गया. बिहार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में जाति सर्वे रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि हम सरकार के तरफ से सदन के सभी सदस्यों का आभार जताते है. इससे बड़ा प्रमाण सरकार के काम को नहीं दिया जा सकता, लेकिन कुछ लोग इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गये. उन्‍होंने बताया कि बिहार में पुरुष की साक्षरता 17% है और महिला की साक्षरता 22 प्रतिशत. 

34.1% परिवार गरीब, जिनकी मासिक आय...
बिहार सरकार ने विधानसभा में कहा कि बिहार के जाति आधारित सर्वेक्षण के मुताबिक, राज्य के 34.1 फीसदी परिवार गरीब हैं, जिनकी मासिक आय 6000 रुपये से कम है. वहीं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 42 प्रतिशत परिवार गरीबों श्रेणी में हैं. आंकड़ों के मुताबिक, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के 33 फीसदी से ज्यादा परिवारों को भी गरीब की श्रेणी में रखा गया है.

हंगामे के बीच पेश हुई रिपोर्ट
जातीय गणना और सामाजिक आर्थिक सर्वे बिहार विधानसभा में पेश होने पर विपक्ष के नेताओं ने कुछ आपत्ति जताई, तो इस पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा गया है. अभी इसके बारे में हमारे मंत्री संक्षेप में बताएंगे. इसके बाद हर दल के नेता को इस पर अपनी राय रखने का मौका मिलेगा. ये जातीय गणना सभी की रजामंदी से हुआ है..."

बता दें कि बिहार की जातीय गणना और सामाजिक आर्थिक सर्वे को लेकर इस समय जमकर बयानबाजी हो रही है. रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार की नीतिश सरकार पर हमला बोलते हुए उस पर तुष्टिकरण की राजनीति के तहत राज्य के जाति सर्वेक्षण में जानबूझकर मुस्लिमों और यादवों की आबादी को बढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया था.

उन्होंने मुजफ्फरपुर जिले के पताही में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, "इंडि' (इंडिया) गठबंधन वालों ने बिहार की जनता को गुमराह करने के लिए खुद के पिछड़ा समाज का हितैषी होने की बात की थी."

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