प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के फेरबदल में आगामी विधानसभा चुनाव और जातिगत समीकरण पर ध्यान दिया गया है. साल 2022 में होने वाले यूपी चुनाव के मद्देनजर बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) को मोदी सरकार 2.0 का हिस्सा बनाया गया. उन्होंने आज राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली. अनुप्रिया पटेल उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर लोकसभा सीट से दो बार की सांसद हैं. अनुप्रिया पटेल का यूपी के पिछड़ों खासकर पटेलों के बीच अच्छा प्रभाव माना जाता है.
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में अपने दूसरे कैबिनेट फेरबदल में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सहयोगी 'अपना दल' की सांसद अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में स्थान दिया था. महज 40 वर्ष की अनु्प्रिया पिछड़ा वर्ग से हैं और पूर्वी यूपी के मिर्जापुर से सांसद हैं. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिलने की चर्चा जोरों पर है. वह बुधवार यानी आज प्रधानमंत्री आवास भी पहुंची थीं.
पार्टी की गतिविधियों से कहीं अधिक अनुप्रिया अपनी मां कृष्णा पटेल के साथ टकराव को लेकर एक समय काफी सुर्खियों में रही थीं. पार्टी पर पकड़ बनाने को लेकर शुरू हुआ मां-बेटी का टकराव इतना बढ़ा कि मां कृष्णा ने अनुप्रिया समेत सात लोगों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह वर्ष के लिए अपना दल से निष्कासित करने का आदेश दे दिया था.
अनुप्रिया के पिता सोनेलाल पटेल द्वारा स्थापित अपना दल की पूर्वी यूपी के पिछड़ों, खासकर पटेलों के बीच अच्छी पैठ रही है. अनुप्रिया को अपना दल का प्रगतिवादी चेहरा माना जाता है.
28 अप्रैल 1981 को कानपुर में जन्मी अनुप्रिया ने साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल करने के साथ एमबीए भी किया है. अनुप्रिया वाराणसी की रोहनियां विधानसभा सीट से भी चुनाव जीत चुकी हैं.
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