मंत्रिपरिषद विस्तार दिल्ली में लेकिन नजर UP चुनाव पर: बनने जा रहे 7 मंत्री, दलित-पिछड़ों पर फोकस

अगले साल 2022 के शुरुआत में यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस लिहाज से बीजेपी ने सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए नई मंत्रिपरिषद के लिए इन चेहरों का चुनाव किया है ताकि उनके समुदाय का वोट बीजेपी को मिल सके. अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी मंत्री थीं लेकिन 2019 में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था.

मंत्रिपरिषद विस्तार दिल्ली में लेकिन नजर UP चुनाव पर: बनने जा रहे 7 मंत्री, दलित-पिछड़ों पर फोकस

उत्तर प्रदेश से कुल सात नए चेहरों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा रहा है.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज अपनी दो साल पुरानी मंत्रिपरिषद का फेरबदल  करने जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि आज शाम राष्ट्रपति भवन में आोजित शपथ ग्रहण समाोह में कुल 43 मंत्री शपथ लेंगे. इनमें से सात मौजूदा राज्यमंत्रियों को प्रमोट किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने नई मंत्रिपरिषद के गठन में सामाजिक और चुनावी समीकरणों पर विशेष ध्यान दिया है. 

इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से कुल सात नए चेहरों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा रहा है. यूपी में अगले साल चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने कोशिश की है कि दलितों और पिछड़ों को मंत्रीपरिषद विस्तार में अधिक नुमाइंदगी मिले. सात नए मंत्रियों में से छह बीजेपी से और एक सहयोगी दल अपना दल से हैं, बीजेपी के छह में से तीन दलित, दो पिछड़े और एक ब्राह्मण समुदाय से आते हैं.

पीएम मोदी की संभावित मंत्रियों की लिस्ट में लोकसभा सांसद कौशल किशोर का नाम सबसे ऊपर है. वह मोहनलालगंज (सुरक्षित) सीट से सांसद हैं. उनके अलावा भानु प्रताप वर्मा का भी नाम है, जो जालौन (सुरक्षित) सीट से सांसद हैं. आगरा (सुरक्षित) सीट से सांसद एसपी सिंह बघेल भी केंद्र सरकार में मंत्री बनने जा रहे हैं.

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पिछड़े समुदाय से आने वालों में राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा हैं जो लोधी समुदायसे ताल्लुक रखते हैं. इनके अलावा महाराजगंज से छह बार लोकसभा सांसद चुने जाने वाले पंकज चौधरी का भी नाम मंत्रियों की लिस्ट में हैं. पीएम राज्य के खीरी लोकसभा से सांसद और ब्राह्मण चेहरे अजय मिश्रा को भी मंत्रिपरिषद में जगह देने जा रहे हैं. इनके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री अपना दल की अनुप्रिया पटेल फिर से मंत्री बनाई जा रही हैं. वह भी पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखती हैं.

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अगले साल 2022 के शुरुआत में यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस लिहाज से बीजेपी ने सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए नई मंत्रिपरिषद के लिए इन चेहरों का चुनाव किया है ताकि उनके समुदाय का वोट बीजेपी को मिल सके. अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी मंत्री थीं लेकिन 2019 में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया लेकिन यूपी चुनावों को देखते हुए उन्हें फिर से मंत्रिपरिषद में शामिल कियाजा रहा है.