खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम पर सरकार की सब्सिडी चालू वित्त वर्ष में 17 प्रतिशत बढ़कर 5.21 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. अगले वित्त वर्ष 2023-24 में इसके 28 प्रतिशत कम होकर करीब 3.75 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. बजट दस्तावेज के अनुसार, सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने संशोधित अनुमान (आरई) में खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम पर कुल सब्सिडी 5,21,584.71 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है. पिछले वित्त वर्ष में इसका वास्तविक बजट 4,46,149.24 करोड़ रुपये था.
इन तीन मदों पर कुल सब्सिडी में से चालू वित्त वर्ष में खाद्य सब्सिडी मामूली रूप से घटकर 2,87,194.05 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2021-22 में 2,88,968.54 करोड़ रुपये थी. हालांकि, इस वित्त वर्ष के दौरान उर्वरक सब्सिडी बढ़कर 2,25,220.16 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष में 1,53,758.10 करोड़ रुपये थी.
इस दौरान यूरिया पर सब्सिडी 1,00,988.13 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,54,097.93 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि फॉस्फेटिक और पोटाशिक (पी एंड के) उर्वरकों पर सब्सिडी 52,769.97 करोड़ रुपये से बढ़कर 71,122.23 करोड़ रुपये हो गई है. पेट्रोलियम सब्सिडी भी उक्त अवधि में 3,422.60 करोड़ रुपये से बढ़कर 9,170.50 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
चालू वित्त वर्ष के दौरान केंद्र ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच वैश्विक कीमतों में तेज वृद्धि को देखते हुए यूरिया के साथ-साथ फॉस्फेटिक और पोटाश (पी एंड के) उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाने का फैसला किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को कम कीमत पर उर्वरक मिलते रहें.
अगले वित्त वर्ष के लिए खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम पर कुल सब्सिडी 2022-23 में 5,21,584.71 करोड़ रुपये से 28 प्रतिशत घटकर 3,74,707.01 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इसमें से उर्वरक सब्सिडी चालू वित्त वर्ष के 2,25,220.16 करोड़ रुपये से घटकर 2023-24 में 1,75,099.92 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. पेट्रोलियम सब्सिडी चालू वित्त वर्ष के 9,170.50 करोड़ रुपये से घटकर 2,257.09 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
खाद्य सब्सिडी, वित्त वर्ष 2022-23 के 2,87,194.05 करोड़ रुपये से घटकर अगले वित्तवर्ष में 1,97,350 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, क्योंकि सरकार ने महामारी के दौरान शुरू की गई मुफ्त खाद्यान्न योजना को बंद कर दिया है.
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