फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सियाचिन में बर्फीले तूफान से दब गए दस जवानों में एक का शव मिल गया है। लेकिन अपने साथियों की खोज में लगी टीम अब भी नौ जवानों के शव खोज रही है।
तीन फरवरी को उत्तरी ग्लेशियर में आये बर्फीले तूफान के बीच एक पूरी और बहुत विशाल चट्टान मद्रास रेजीमेंट के दस जवानों पर आ गिरी। सेना ने बचाव और राहत अभियान चलाया, लेकिन ये स्पष्ट हो गया कि किसी भी जवान के बचे रहने के आसार नहीं हैं। अब उनके शवों की तलाशी जारी है।
एक शव मिलने के बाद अब ये अंदाज़ा मिला है कि जवान कहां दबे हो सकते हैं। अब इसी के पास एक कैंप बनाया गया है ताकि खोज आसान हो सके। करीब 20 हजार फुट की ऊंचाई वाले इस इलाके में तीस से चालीस फुट बर्फ जमी हुई है, रोशनी की कमी है, तापमान शून्य से 25 डिग्री से भी नीचे है, बावजूद इसके चौबीसों घंटे तलाशी अभियान जारी है। सेना का कहना है कि जब तक सारे शव बरामद नहीं हो जाते तब तक ये अभियान जारी रहेगा।
तीन फरवरी को उत्तरी ग्लेशियर में आये बर्फीले तूफान के बीच एक पूरी और बहुत विशाल चट्टान मद्रास रेजीमेंट के दस जवानों पर आ गिरी। सेना ने बचाव और राहत अभियान चलाया, लेकिन ये स्पष्ट हो गया कि किसी भी जवान के बचे रहने के आसार नहीं हैं। अब उनके शवों की तलाशी जारी है।
एक शव मिलने के बाद अब ये अंदाज़ा मिला है कि जवान कहां दबे हो सकते हैं। अब इसी के पास एक कैंप बनाया गया है ताकि खोज आसान हो सके। करीब 20 हजार फुट की ऊंचाई वाले इस इलाके में तीस से चालीस फुट बर्फ जमी हुई है, रोशनी की कमी है, तापमान शून्य से 25 डिग्री से भी नीचे है, बावजूद इसके चौबीसों घंटे तलाशी अभियान जारी है। सेना का कहना है कि जब तक सारे शव बरामद नहीं हो जाते तब तक ये अभियान जारी रहेगा।
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