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This Article is From Mar 18, 2024

"दूसरी पीठ के आदेश को खारिज करना स्वीकार्य नहीं...": बिलकीस बानो केस के दोषी की SC में पुनर्विचार याचिका

Bilkis Bano Case: इससे पहले गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर उसके खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने की गुहार लगाई है.

"दूसरी पीठ के आदेश को खारिज करना स्वीकार्य नहीं...": बिलकीस बानो केस के दोषी की SC में पुनर्विचार याचिका
बिलकीस बानो केस के दोषी रमेश चांदना ने SC में दाखिल की पुनर्विचार याचिका
नई दिल्ली:

Bilkis Bano Case: जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए सभी की रिहाई को रद्द कर दिया था. वहीं अब इस मामले में एक दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है और 8 जनवरी के फैसले पर सवाल उठाया है. दोषी रमेश चांदना ने दलील दी है कि शीर्ष अदालत ने अपने 8 जनवरी के फैसले में एक अन्य दूसरी पीठ के आदेश को खारिज कर दिया जो स्वीकार्य नहीं है.

दरअसल 8 जनवरी के फैसले में, जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस  उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा था कि बिलकीस बानो मामले में बलात्कार के दोषियों पर लागू छूट नीति महाराष्ट्र सरकार की लागू होगी न कि गुजरात सरकार की. शीर्ष अदालत ने कहा था कि गुजरात राज्य के पास इस मामले में बलात्कार के दोषियों पर अपनी छूट नीति लागू करने का कोई अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 11 दोषियों ने सरेंडर कर दिया था. 

इससे पहले गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर उसके खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने की गुहार लगाई है.

बता दें घटना के वक्त बिनकिस बानो 21 साल की थीं और पांच माह की गर्भवती थीं. बानो से गोधरा ट्रेन में आग लगाए जाने की घटना के बाद भड़के दंगों के दौरान दुष्कर्म किया गया था. दंगों में मारे गए उनके परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी.

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