भीमा कोरेगांव केस: आरोपी प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, जेल से बाहर आने का रास्ता साफ

भीमा कोरेगांव हिंसा में आरोपी प्रो. आनंद तेलतुंबडे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है और तेलतुंबडे के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार किया हैं और तेलतुंबडे की जमानत बरकरार रहेगी. वहीं, कोर्ट ने NIA को फटकार लगाई है.

भीमा कोरेगांव केस: आरोपी प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, जेल से बाहर आने का रास्ता साफ

आनंद तेलतुंबडे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

नई दिल्ली:

भीमा कोरेगांव हिंसा में आरोपी प्रो. आनंद तेलतुंबडे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है और तेलतुंबडे के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार किया हैं और तेलतुंबडे की जमानत बरकरार रहेगी. वहीं, कोर्ट ने NIA को फटकार लगाई है.

सुप्रीम कोर्ट में बॉम्बे हाईकोर्ट की टिप्पणियों का ट्रायल में कोई असर नहीं होगा. भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी आनंद तेलतुंबडे की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने NIA पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ क्या सबूत हैं? आरोपी पर किस आधार पर UAPA लगाया गया था.

NIA की ओर से कहा गया कि वह एक शिक्षाविद् हैं. लेकिन वह सिर्फ एक चेहरा है. उनके पीछे वो साजिश रच रहे थे, कुछ ई मेल भी हैं. वो हिंसा के लिए मदद पहुंचा रहे थे. जमानत के आदेश पर रोक लगाई जाए और नोटिस जारी किया जाए. आनंद तेलतुंबडे का बचाव करते हुए उनके वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सभी ईमेल उनके पास से बरामद नहीं हुए है. सिर्फ दो ईमेल हैं जो फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के पास हैं, जहां भी दलितों के मामले हैं वहां वो मौजूद रहते हैं, क्योंकि वो शिक्षाविद हैं न कि आतंकवादी. उन्होंने पेरिस यात्रा भी शैक्षिक कार्यक्रम के सिलसिले में ही की थी. आयोजकों ने भी यही कहा था. मुझे मालूम नहीं कि मिलिंद ने अपने 164 के बयान में क्या कहा?

कपिल सिब्बल ने कहा कि एजेंसी सिर्फ मिलिंद के बयान को ही सबूत बना रही है. उसी से मुझे लिंक किया जा रहा है. एजेंसी के पास एक ही चिट्ठी है जिसमें मुझे ' माई डियर कॉमरेड ' संबोधित किया गया है. क्या इतने भर से में आरोपी हो गया?  सिब्बल ने तेलतुंबड़े की लिखी किताबें, दुनिया भर की यूनिवर्सिटीज में किए गए काम का जिक्र करते हुए कहा कि 73 साल के आनंद पिछले दो साल से ज्यादा समय से जेल में हैं. भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा का समय वो वहां थे.

NIA ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की  है. गौरतलब है कि 18 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी आनंद तेलतुंबडे को जमानत दे दी है. उन्हें एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई है. लेकिन हाई कोर्ट ने इस आदेश पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी, ताकि इस मामले की जांच कर रही एनआईए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सके. इसका मतलब है कि तेलतुंबडे तब तक जेल से बाहर नहीं जा सकेंगे.  बता दें कि आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे को अप्रैल 2020 में गिरफ्तार किया गया था.

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