
बेंगलुरु भगदड़ मामले में एक्शन में आई कर्नाटक सरकार ने कई पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया. इस बात से पुलिस महकमे में लोग नाराज हैं. हालांकि अभी तक किसी भी निलंबित अधिकारी ने इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया है. आमतौर पर पुलिस के भीतर से विरोध की आवाजें सामने नहीं आती है, लेकिन इस बार पुलिस बल के भीतर से विरोध की एक दुर्लभ घटना सामने आई है. बेंगलुरु के मडिवाला पुलिस स्टेशन में तैनात हेड कांस्टेबल नरसिम्हाराजू ने पुलिस कमिश्नर बी दयानंद के निलंबन के खिलाफ वर्दी में सड़क पर उतरकर अकेले प्रदर्शन किया.
नरसिम्हाराजू ने विधान सौधा से लेकर राजभवन तक मार्च किया. इस दौरान वह अपनी वर्दी में नजर आए. बाजू पर काली पट्टी बांधी थी और हाथ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर थामी हुई थी, जो संविधान और न्याय के प्रतीक माने जाते हैं.

पुलिस के भीतर नाराजगी का प्रतीक
यह मौन लेकिन सशक्त प्रदर्शन पुलिस विभाग के भीतर से उठती नाराजगी का प्रतीक माना जा रहा है. कई लोगों का मानना है कि कमिश्नर का निलंबन राजनीतिक कारणों से प्रेरित था और यही वजह है कि अब विभाग के अंदर भी असंतोष की आहट सुनाई देने लगी है.
प्रदर्शन के कुछ देर बाद विधान सौधा पुलिस ने नरसिम्हाराजू को राजभवन के पास हिरासत में ले लिया. हालांकि पुलिस विभाग की ओर से इस घटना पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
आला पुलिस अधिकारियों को किया था निलंबित
बेंगलुरु में बुधवार को मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 47 लोग घायल हुए थे. इंडियन प्रीमियर लीग जीतने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलरु के खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए एकत्र हुए थे. आरसीबी की टीम और उसके प्रशंसकों ने इस पल के लिए 18 साल तक इंतजार किया था. हालांकि चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई और भगदड़ मच गई.
इसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरू के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद, असिस्टेंट कमिश्नर सी बालकृष्ण, डीसीपी (सेंट्रल डिविजन) शेखर एच टेक्कन्नावर, एसीपी विकास कुमार विकास और कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर ए के गिरीश को निलंबित कर दिया था. निलंबन आदेश में कहा गया कि यह पाया गया है कि इन अधिकारियों ने कर्तव्य के प्रति काफी लापरवाही बरती है.
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