वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. वृंदावन में काशी विश्वनाथ की तर्ज़ पर राज्य सरकार बांके बिहारी कॉरिडोर बनाने जा रही है. राज्य सरकार बांके बिहारी मंदिर के आसपास पांच एकड़ ज़मीन अधिग्रहित करेगी. इस पांच एकड़ में लगभग 300 मंदिर/घर शामिल हैं, जहां सैकड़ों वर्षों से लोग रहते चले आ रहे हैं. कॉरिडोर बनाने के लिए इन 300 भवनों को ध्वस्त किया जाना हैं. जिसके चलते वृंदावन निवासी इस कॉरीडोर का ज़बरदस्त विरोध कर रहे हैं. विरोध करने में मंदिर के सभी पुजारी समाज के लोग भी शामिल हैं.
लोगों का कहना है कि सैकड़ों वर्षों से वो कुंज गलियों में रहकर अपने घरों में मंदिर बनाकर बिहारी जी की पूजा करते चले हैं. ऐसे में उनके घर मंदिर तोड़े गए तो उनकी आस्था को आघात पहुंचेगा. विरोध के चलते दो दिन से वृंदावन के बाज़ार बंद हैं, पुजारी व दुकानदार मुख्यमंत्री को ख़ून से ख़त लिख रहे हैं.
वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद मथुरा के डीएम ने 8 सदस्यों की कमेटी बनाकर मंदिर के आसपास लगभग 200 से ज़्यादा भवनों का सर्वेक्षण करा कर मार्किंग की है. 20 दिसंबर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए सर्वेक्षण के आदेश दिए थे. वहीं आज यूपी सरकार अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट हाईकोर्ट के सामने पेश करेगी.
हाल ही में मथुरा संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद हेमा मालिनी ने कहा था कि ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के आसपास सरकार द्वारा प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण के बाद यहां धार्मिक पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और कारोबार में भी तेजी आएगी. हेमा मालिनी ने वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठा. बांकेबिहारी मंदिर के आसपास सरकार द्वारा प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण को लेकर स्थानीय निवासियों, व्यापारियों एवं सेवायत गोस्वामी समाज के लोगों द्वारा उठाई जा रही आपत्तियों एवं अन्य तमाम आशंकाओं को दूर करते हुए कहा था कि इससे किसी भी वर्ग को कोई नुकसान नहीं होगा.
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