समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री आजम खां और उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला के खिलाफ दो पैन कार्ड मामले में सजा का ऐलान हो गया है. अदालत ने बाप-बेटे को पैन कार्ड केस में दोषी माना और 7-7 साल की जेल की सजा सुनाई है.
बता दें कि भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने छह साल पहले सिविल लाइंस कोतवाली में आजम खान और अब्दुल्ला के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी.
मामला क्या था?
यह मामला 2016 का है. दरअसल 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से अब्दुल्लाह आजम ने नामांकन दाखिल किया था. असली जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 होने के कारण उनकी उम्र 24 साल थी, जबकि विधायक बनने के लिए न्यूनतम 25 साल जरूरी है. आरोप है कि आजम खान ने साजिश रची और बेटे के लिए दूसरा PAN कार्ड बनवाया, जिसमें जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दिखाई गई. इसी फर्जी PAN कार्ड को बैंक पासबुक और नामांकन पत्र में इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की गई. इस आधार पर अब्दुल्लाह आजम अयोग्य होते हुए भी विधायक चुने गए.
मामला 2019 में भाजपा नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर दर्ज हुआ था. पुलिस ने धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (कीमती दस्तावेज की जालसाजी), 468, 471 और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया था.
बताते चलें कि एक पैनकार्ड में अब्दुल्लाह की जन्मतिथि जनवरी 1993 है जबकि, दूसरे में जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज है.
7 साल की सजा का ऐलान
इस मामले में बाप-बेटे को दोषी पाए जाने के बाद रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोनों को 7 साल की जेल की सजा सुनाई है. विशेष जज शोभित बंसल की अदालत ने सभी धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई, जिसमें सबसे भारी सजा धारा 467 (मूल्यवान सुरक्षा दस्तावेज की जालसाजी) के तहत 7 साल की कैद और 10 हजार रुपये जुर्माना है. कुल मिलाकर दोनों को 7 साल तक जेल जाना होगा.
कुछ दिनों पहले ही जेल से रिहा हुए हैं आजम खान
गौरतलब है कि आजम खान हाल ही में 23 सितंबर को सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए थे. कई पुराने मामलों में राहत मिलने के बावजूद यह नया फैसला उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है. अब्दुल्लाह आजम भी जेल जाने के कगार पर हैं.
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